उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा पर तंज किया कि वह बेरोजगार हो गए थे, भाजपा में उन्हें रोजगार मिल गया है। उन्होंने कहा कि बहुगुणा का दर्द राज्यसभा था। लेकिन भाजपा ने भी उन्हें राज्यसभा नहीं भेजा।
हरीश रावत मीडियाकर्मियों से बातचीत कर रहे थे। अपने कुनबे के विधायकों को मनाने पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा से जुड़े सवाल पर हरीश रावत ने चुटीले जवाब दिए। उन्होंने कहा कि विजय बहुगुणा के यहां आने का मतलब है कि उन्हें भाजपा में रोजगार मिल गया। साथ ही यह भी साफ हो गया कि भाजपा के अंदर बहुत जबर्दस्त गड़बड़ है। गड़बड़ को लेकर उनका शीर्ष नेतृत्व चिंतित है। हरीश रावत ने कहा कि कांग्रेस में बहुगुणा का एक ही दर्द था कि उन्हें राज्यसभा नहीं मिल रही।
भाजपा ने भी राज्यसभा नहीं दी। इसका मतलब है कि भाजपा से निकल कर वे आप में तो नहीं जा रहे, क्योंकि कांग्रेस तो शायद उनको ले ही नहीं। वह कहां से चुनाव लड़ रहे हैं, बहुगुणा के इस सवाल पर उन्होंने कहा कि मेरे चुनाव लड़ने पर उनकी चिंता है। इसका सीधा अर्थ है कि मोदी की लहर पर बहुगुणा को भरोसा नहीं रह गया है। असंतुष्टों को मनाने पहुंचे बहुगुणा के अभियान पर हरीश रावत ने कहा कि उन्होंने क्या गारंटी ली है, यह भाजपा और उनके बीच की बात है। लेकिन उसके लिए भाजपा क्या कीमत देने जा रही है?
ज्यादातर उजाड़ू बल्द उधर ही रहें
हरीश रावत ने कहा कि मेरी तो भगवान से प्रार्थना है कि ज्यादातर उजाड़ू बल्द उधर ही रहें। ऐसे में भाजपा की जो गत आज हुई है, आगे इससे भी बुरी होगी, यह निश्चित है। इसलिए उनका उधर रहना हमारे लिए शुभ है। इतना अवश्य है कि कुछ लोग पार्टी के संपर्क में हैं। पार्टी चाहेगी तो उन्हें लिया जा सकता है। हरक सिंह की वापसी के सवाल को हरीश टाल गए।
कहा, भाजपा में होगी बहुत बड़ी टूट
दलबदल के कुकर्म के कारण भाजपा सरकार से बाहर जा रही है
हरीश रावत ने कहा कि विजय बहुगुणा के दलबदल कुकर्म के कारण भाजपा 2022 में उत्तराखंड में सरकार से बाहर जा रही है। बाहर जाने की शुरुआत बहुगुणा के दलबदल के कुकर्म से हुई है। यदि वो उधर नहीं होते तो इतने प्रचंड बहुमत के बाद वहां न ऐसी हड़बड़ी होती और न टूटफूट की संभावनाएं होतीं।
उत्तराखंड से बनेगा कांग्रेस के पक्ष में माहौल
हरीश रावत ने कहा कि कांग्रेस के मौजूदा राजनीतिक हालात वर्ष 2002 वाले हैं। 2002 के विधानसभा चुनाव में जब कांग्रेस उत्तराखंड में जीती तो फिर कांग्रेस की जीत का चक्र आरंभ हुआ। 2004 में कांग्रेस राष्ट्रीय स्तर पर सरकार बनाने में सफल हुई। आज की स्थिति में केवल एक बदलाव है कि उत्तराखंड में उनकी जगह कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल हैं। उत्तराखंड को फिर से राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस के पक्ष में वातावरण बनाने का गौरव हासिल होगा।