पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने त्रिवेंद्र सिंह रावत की तारीफ कर भाजपा पर एक तीर से कई निशाने साधे हैं। उन्होंने कहा कि त्रिवेंद्र एक स्पष्टवादी नेता हैं। उन्होंने चार साल तक जिस तरह से कांग्रेस के उज्याड़ू बल्दों (कांग्रेस से भाजपा में गए नौ विधायक) पर लगाम रखी, वह काबिले तारीफ है। हालांकि यही लोग आखिरकार उनकी विदाई का कारण भी बने। त्रिवेंद्र स्वभाव से एक सामान्य उत्तराखंडी की तरह स्पष्टवादी नेता
अपने आवास पर मीडिया से बात करते हुए हरीश रावत ने कहा कि त्रिवेंद्र स्वभाव से एक सामान्य उत्तराखंडी की तरह स्पष्टवादी नेता हैं। राजनीतिक में एक स्पष्टवादी नेता का यहां तक पहुंचना बड़ी बात है। उन्होंने जिस तरह से चार साल तक कांग्रेस से भाजपा में गए विधायकों को गड़बड़ी करने से रोका और नियंत्रण में रखा, इसके लिए उनकी तारीफ की जानी चाहिए।
जबकि यह ऐसे लोग हैं, जिनसे खुद वह अपने हाथ छिलवा चुके हैं। इसके लिए उन्हें शाबाशी दी जानी चाहिए। हरीश रावत ने कहा यह लोग प्रेशर ग्रुप बनाकर काम करते हैं। लेकिन अब भाजपा भी समझ गई है, यह सब बोझ हैं। इनके कारण भाजपा को अपने एक मुख्यमंत्री को हटाना पड़ा। पुष्कर सिंह धामी भी जाते-जाते बचे। अगर थोड़ा और जोर लगा देते तो उन्हें भी हटा दिया जाता।
पुष्कर भविष्य के अच्छे नेता हो सकते थे…
अपनी पार्टी के नेताओं पर भी कसा तंज
हरीश रावत ने कहा कि कांग्रेस में जो लोग बागियों को वापस लेने की बात कर रहे हैं, यदि वह लेना चाहते हैं तो फिर चूक क्यों रहे हैं। यदि उन्होंने कहा दिया कि हमने तो कोई अर्जी नहीं लगाई, फिर उनका क्या मुंह रह जाएगा। जब भाजपा ही उनसे परेशान है तो क्या कांग्रेस उन्हें झेल पाएगी।
पहले ही घर को संभालना मुश्किल हो रहा है और उसमें आप बाहर से लेकर चले आएंगे और मुसीबतें खड़ी हो जाएंगी। भाजपा इन्हें अपने पास बुलाकर आज आंसू बहा रही है, कुछ दिनों में खून के आंसू बहाएगी।