हरीश रावत ने खेला इमोशनल कार्ड, बोले, यह मेरा आखिरी चुनाव; त्रिवेंद्र ने लपका बयान

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देहरादून। पांच साल बाद सत्ता में वापसी की जी तोड़ कोशिश कर रही कांग्रेस की चुनाव संचालन समिति के मुखिया और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अब जन भावनाओं को भुनाने के लिए इमोशनल कार्ड चला है। उन्होंने कहा है कि आगामी विधानसभा चुनाव उनका अंतिम चुनाव होगा। इसके जवाब में भाजपा ने उन पर तंज कसा है। पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि हरीश रावत अब बूढ़े हो चले हैं।

भाजपा ने बदला सरकार व संगठन का चेहरा

उत्तराखंड में अगले विधानसभा चुनाव को अब महज छह-सात महीने का ही वक्त शेष है। सूबे में व्यापक जनाधार रखने वाले दोनों ही दल, भाजपा और कांग्रेस चुनाव मैदान में जाने को कमर कस चुके हैं। भाजपा पिछले पांच महीनों के दौरान दो मुख्यमंत्री बदल चुकी है। अब युवा मुख्यमंत्री के रूप में सरकार की कमान पुष्कर सिंह धामी के हाथों में है। सरकार के साथ ही भाजपा ने पांच महीने पहले बंशीधर भगत के स्थान पर मदन कौशिक को संगठन के मुखिया की जिम्मेदारी सौंपी।

कांग्रेस ने भी साधा क्षेत्रीय व जातीय संतुलन

इसके बाद पिछले महीने कांग्रेस ने भी बड़ा बदलाव किया। नेता प्रतिपक्ष डा इंदिरा हृदयेश के निधन के कारण बदली परिस्थितियों में प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह को यह जिम्मेदारी सौंप दी गई। प्रीतम सिंह के स्थान पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए गणेश गोदियाल। साथ ही पंजाब की तर्ज पर उत्तराखंड में भी कांग्रेस ने चार कार्यकारी अध्यक्ष बना दिए। क्षेत्रीय और जातीय संतुलन साधने के लिए कांग्रेस इस फार्मूले को अमल में लाई।

चेहरा घोषित करने की मांग, हरदा को चुनाव की कमान

पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत लगातार मांग उठाते रहे हैं कि पार्टी मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित कर चुनाव में जाए। इस पर पार्टी ने उन्हें चेहरा तो घोषित नहीं किया, लेकिन चुनाव संचालन समिति की जिम्मेदारी जरूर उन्हें सौंप दी। सियासी गलियारों में इसे एक तरह से हरीश रावत की जीत ही माना गया। वैसे भी संगठन में जो पांच अध्यक्ष बनाए गए, उसमें भी रावत का ही प्रभुत्व झलका।

करो या मरो वाले बन गया है रावत के लिए अगला चुनाव

इस लिहाज से हरीश रावत के लिए अगले विधानसभा चुनाव एक तरह से करो या मरो वाले बन गए हैं। यही वजह है कि वह इस मौके को भुनाने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोडऩा चाहते। इसी कड़ी में अब रावत ने भावनात्मक बयान देकर जनमत को लुभाने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में अगला विधानसभा चुनाव उनका अंतिम चुनाव होगा। साथ ही बोले कि वह उत्तराखंडियत के मुद्दे पर जनता का समर्थन मांगेंगे।

इमोशनल कार्ड पर पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र का तंज

हरीश रावत के इस बयान को भाजपा ने तुरंत लपक लिया। पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कटाक्ष करते हुए कहा कि अब हरीश रावत की अब काफी उम्र हो गई है। उनके दायें हाथ को पता नहीं होता कि बायां हाथ क्या कर रहा है। दरअसल, हरदा और त्रिवेंद्र के बीच नोकझोंक कोई नई बात नहीं है। त्रिवेंद्र के मुख्यमंत्री रहते हुए हरीश रावत ने उन पर तंज कसने का कोई मौका नहीं छोड़ा।

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