कांग्रेस चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष पूर्व सीएम हरीश रावत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग की कि देवस्थानम बोर्ड को भंग करने पर तत्काल कार्यवाही करें। प्रदेश सरकार तत्काल विधानसभा का सत्र बुलाकर इस ऐक्ट को निरस्त करे। यदि ऐसा नहीं होता तो भाजपा केा गंभीर परिणाम भुगतने होंगे हालांकि रावत ने बीते रोज केदारनाथ धाम में पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के विरोध पर असहमति जताई।
रावत ने भाजपा को यह भी चेतावनी दी है कि यदि अब उसने कांग्रेस से छेड़छाड़ की तो कांग्रेस भाजपा का पूरा स्वरूप ही बदल देगी। मीडिया से बातचीत में रावत ने कहा कि देवस्थानम बोर्ड भाजपा सरकार द्ववारा जनता पर थोपी गई व्यवस्था है। भाजपा को चाहिए कि तत्काल विधानसभा का सत्र बुलाकर इसे निरस्त करे।
यदि भाजपा सरकार ऐसा नहीं करती तो सत्ता में आने पर कांग्रेस सबसे पहला काम इस बोर्ड-एक्ट को खत्म करने का ही करेगी। पूर्व सीएम त्रिवेंद्र के विरोध पर रावत टिप्पणी करने से बचे। कहा कि भगवान केदारनाथ सभी को माफ करने वाले देवता है। वहां तो क्षमा किया जाना चाहिए था। रावत ने दलबदल पर भाजपा को चेताते हुए कि वो कांग्रेस को छेड़ने की हिम्मत न करे। यदि उसने छेड़छाड़ करने की कोशिश की तो भारी खामियाजा भुगताना पड़ेगा। भाजपा से इतने लोग कांग्रेस में आने को तैयार हैं कि भाजपा का स्वरूप ही बदल जाएगा।