सोने की चेन गुम होने के मामले में एयरलाइंस को चेन की कीमत के 2.50 लाख रुपये पीड़ित को देने होंगे। साथ ही, परिवहन खर्च के तौर पर दस हजार, मानसिक क्षति के तौर पर 20 हजार और वाद व्यय के रूप में पांच हजार भी पीड़ित को दिए जाएंगे। जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने यह आदेश दिया है।
जानकारी के अनुसार, ऋषिकेश निवासी सतेंद्र कुमार राय एक एयरलाइंस कंपनी की फ्लाइट से कोलकाता से देहरादून आए थे। आरोप था कि एयरलाइंस की लापरवाही के कारण सतेंद्र का सामान गुम हो गया। उन्होंने इसकी शिकायत जौलीग्रांट एयरपोर्ट प्रबंधन से की। छह जुलाई 2015 को कंपनी की ओर से बताया गया कि सामान मिल गया है। बाद में जब सामान मिला तो उसमें रखी सोने की चेन गायब थी।
बताया गया कि बैग पर लगी सील पहले ही खोल दी गई थी। पीड़ित को इस मामले में दिल्ली और दून हवाई अड्डे के चक्कर काटने पड़े। इसके बाद यह मामला जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग पहुंचा। अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह दुग्ताल की निगरानी में मामले की सुनवाई हुई। आयोग ने कंपनी और दो अन्य पक्षों को सेवा में कमी का दोषी पाया। 30 दिन में भुगतान न मिलने पर पीड़ित 9% ब्याज का हकदार होगा। यह आदेश आयोग की ओर से दिया गया है।
आयोग ने भेजा था नोटिस
इस मामले में एयरलाइंस को अपना पक्ष रखने के लिए नोटिस भेजा गया था। लेकिन एयरलाइंस अपना पक्ष रखने के लिए जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग नहीं पहुंची। इसके बाद 19 अप्रैल 2016 को उनके विरुद्ध एक पक्षीय कार्यवाही के आदेश पारित हुए।
पीड़ित ने पेश किए साक्ष्य
आयोग में सुनवाई के दौरान एयरलाइंस और अन्य पक्ष साक्ष्य नहीं दे पाए। जबकि पीड़ित पक्ष की ओर से मौखिक और दस्तावेजी साक्ष्य प्रस्तुत किए। जिनसे स्पष्ट हुआ की पीड़ित के सामान का ताला टूटा हुआ था। उसके सामान को खुर्द बुर्द किया गया।