संक्रमण के खतरे को देखते हुए एक बार फिर उत्तराखंड की जेलों से कैदी पैरोल पर छोड़े जाने लगे हैं हालांकि साल 2020 में छोड़े गए पैरोल पर कई कैदी अभी तक वापस नही आये है। हाईकोर्ट के आदेश के तहत जेल प्रबंधन ने कोरोना संक्रमण को देखते हुए जेलों में बंद सजायाफ्ता व दोष सिद्ध कैदियों को तीन माह के लिए पैरोल या अंतरिम जमानत देनी शुरू कर दी है। पहले चरण में 46 बंदियों को पैरोल पर भेजा गया है। हालांकि, ये वो बंदी हैं, जो कि विगत वर्ष 2020 में किन्हीं कारणों के चलते पैरोल पर नहीं गए थे, इसलिए सबसे पहले इन्हीं बंदियों को पैरोल पर भेजा गया है। इसके बाद अन्य बंदियों को पैरोल या अंतरिम जमानत पर भेजा जाएगा।
आइजी कारागार अंशुमान ने बताया कि कोरोनाकाल के दौरान जेलों में कैदियों की अधिक संख्या को देखते 106 दोषसिद्ध बंदियों एवं 685 सजायाफ्ता के तहत कुल 791 बंदियों को तीन माह के लिए पैरोल या अंतरिम जमानत देने की संस्तुति की गई है। प्रदेश की जेलों में इस समय 6000 से अधिक बंदी हैं। ऐसे में जेलों के अंदर संक्रमण का खतरा बना हुआ है। वर्ष 2020 के दौरान भी करीब 845 बंदियों को पैरोल पर भेजा गया था। हालांकि, इनमें से 699 बंदी ही पैरोल या अंतरिम जमानत पर जा पाए थे। बंदियों को पैरोल देने के लिए पैरामीटर तय किया गया है। इनमें से उन्हीं बंदियों को 90 दिनों के लिए पैरोल पर छोड़ा जा रहा है, जिनकी सजा सात साल से कम हैं। औपचारिकता पूरी करने के बाद ही बंदियों को पैरोल पर भेजा जाएगा।