नैनीताल। हाईकोर्ट ने प्राइमरी व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नियुक्ति पाए शिक्षकों के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से 28 दिसम्बर तक सभी शिक्षकों के दस्तावेजों की जांच कर रिपोर्ट पेश करने को कहा है। कार्यवाहक मुख्य न्यायधीश रवि मलिमठ व न्यायमूर्ति रविन्द्र मैठाणी की खण्डपीठ में स्टूडेंट वेलफेयर सोसायटी हल्द्वानी की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई।
याचिका में कहा गया है कि राज्य के प्राइमरी व उच्च माध्यमिक विद्यालयों में करीब साढ़े तीन हजार अध्यापक जाली दस्तावेजो के आधार पर फर्जी तरीके से नियुक्त किये गए है जिनमे से कुछ अध्यापकों के नाम सामने आए परन्तु विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत के कारण इनको क्लीन चिट दी गयी और ये अभी भी कार्यरत हैं। संस्था ने इस प्रकरण की एसआईटी से जाँच करने को कहा है। पूर्व में राज्य सरकार ने अपने शपथपत्र पेश कर कहा था कि इस मामले की एसआईटी जांच चल रही है। अभी तक 84 अध्यापक जाली दस्तावेजो के आधार पर फर्जी पाए गए है उन पर विभागीय कार्यवाही चल रही।