हाथ में गैंती और बेलचा लेकर महिलाओं ने गांव के विकास के लिए छेड़ा अभियान, पंचायत चैक के चैड़ीकरण में जुटी

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मसूरी। पर्यटन स्थल मसूरी के एक गांव की महिलाओं ने कुछ ऐसा किया कि आज हर कोई उनकी तारीफ करते नहीं थक रहा है। इन महिलाओं ने सरकार द्वारा गांव के विकास के लिए कार्य करने का इंतजार नहीं किया और खुद ही अभियान में जुट गईं। हाथ में गैंती और बेलचा लेकर क्यारकुली की महिलाओं ने गांव के विकास के लिए अभियान छेड़ दिया है। सरकार की ओर देखने की बजाय वह खुद ही गांव के पंचायत चैक के चैड़ीकरण में जुट गई हैं। इस कार्य में युवा भी उनका सहयोग कर रहे हैं। गांव हो या शहर आमतौर पर लोग हर काम के लिए सरकार पर निर्भर रहते हैं। इससे कई विकास कार्य सालों तक नहीं हो पाते, लेकिन क्यारकुली गांव के लोगों ने सार्वजनिक पंचायत चैक को चैड़ा करने के लिए खुद पहल शुरू कर दी है। सुबह की शिफ्ट में गांव के युवा पंचायत चैक में खोदाई करते हैं, उसके बाद सभी महिलाएं मिट्टी को गांव से दूर डंप करने में जुट जाती हैं। क्यारकुली भट्टा गांव की प्रधान कौशल्या रावत ने कहा कि हर काम के लिए हमें सरकार पर निर्भर नहीं रहना चाहिए।

श्रमदान कर रहीं महिलाएं

कौशल्या रावत का कहना है कि हम हर काम के लिए सरकार की ओर देखते हैं। जबकि हमें सरकार पर निर्भर नहीं रहना चाहिए। जितना कार्य हम खुद कर सकते हैं उसे मिलकर करना चाहिए।

वहीं, गांव की चंद्रकला कहती हैं कि गांव का पंचायत चैक बहुत छोटा है, जिससे शादी समारोह में बड़ी परेशानी होती है। इसी को देखते हुए पंचायत चैक को चैड़ा करने की कार्ययोजना तैयार की है। 

सुमित्रा थापली ने कहा कि शहर के पास होने के बावजूद उनके गांव में सुविधाओं की कमी है। यही वजह है कि सभी महिलाएं गांव के विकास कार्य में श्रमदान कर रही हैं।

श्रमदान कर रहीं महिलाएं

युवा राकेश रावत ने बताया कि गांव में प्राथमिक विद्यालय भी है, लेकिन छोटे बच्चों के खेलने के लिए मैदान नहीं है।

साथ ही गांव में कोई भी कार्यक्रम करने पर जगह की कमी के कारण परेशानी उठानी पड़ती है। पंचायत चैक का चैड़ीकरण होने से इन सब परेशानियों से निजात मिलेगी।

 

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