हारे हुए बूथों को मजबूत करने का जिम्मा सांसदों को देगी भाजपा, आज बैठक में बनेगी रणनीति

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लोकसभा चुनाव में उतरने से पहले भाजपा अपने हर बूथ को मजबूत कर लेना चाहती है। 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा 1700 से अधिक बूथों पर पिछड़ गई थी। इन हारे हुए बूथों को मजबूत करने का जिम्मा पार्टी के सांसदों को सौंपा जाएगा।

सोमवार को नई दिल्ली में केंद्रीय नेताओं व पार्टी सांसदों के साथ एक अहम बैठक रखी गई है। इसमें हारे हुए बूथों को मजबूत करने की जिम्मेदारी सांसदों को सौंपी जाएगी। बैठक में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी मौजूद रह सकते हैं। वह गुजरात सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में शिरकत करने के लिए दिल्ली पहुंचे। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष महेंद्र भट्ट और प्रदेश महामंत्री संगठन अजेय भी बैठक में रहेंगे।

दिल्ली नगर निगम और हिमाचल विधानसभा चुनाव में मिली हार से भाजपा बेहद सतर्क हो गई है। अब पार्टी सांगठनिक मजबूती की दृष्टि से कोई ढिलाई नहीं बरतना चाहती। इसलिए पार्टी ने बूथ प्रबंधन पर ज्यादा फोकस करने की रणनीति बनाई है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट के मुताबिक नई दिल्ली में सांसदों के साथ बैठक होगी, जिसमें आगामी लोकसभा चुनाव में बूथ प्रबंधन की रूपरेखा पर भी चर्चा होगी।

पार्टी आगामी चुनाव में 51 फीसदी वोट हासिल करने की रणनीति पर काम कर रही है। इसके लिए पार्टी ने कमजोर बूथों की सूची तैयार कर ली है। लोस और विस चुनावों के आधार पर हारे हुए बूथों की सूची तैयार की गई है। 2022 के विधानसभा चुनाव में पार्टी 3731 बूथों पर दूसरे स्थान पर थी और 860 बूथों पर वह तीसरे स्थान पर रही। विस के हारे हुए बूथों का जिम्मा विधायकों को दिया जाएगा। इसी माह उन्हें प्रशिक्षण दिया जा सकता है। सांसदों को हारे हुए बूथों में भेजा जाएगा। दिल्ली बैठक में इसकी रणनीति बन सकती है।

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