हिंदी को हटाये जाने पर नवनिर्माण सेना ने निदेशक मंडल को पत्र प्रेषित किया

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देहरादून। संवाददाता। दून स्कूल में हिंदी प्रवेश परीक्षा से हटाए जाने एवं संस्कृत भाषा को वैकल्पिक बनाये जाने के परिपेक्ष में उत्तराखंड नवनिर्माण सेना प्रतिनिधिमंडल ने आज दून स्कूल पहुँच कर निदेशक मंडल को मांग पत्र प्रेषित किया।

हाल ही में देहरादून स्थित दून स्कूल द्वारा राष्ट्र भाषा हिंदी तथा देव भाषा संस्कृत को वैकल्पिक बना दिया गया। जिसके चलते यह मांग पत्र दिया गया है। जिसके माध्यम से कहा गया है कि 3 वर्ष पूर्व दून स्कूल के प्रवेश परीक्षा से राष्ट्र भाषा हिंदी को हटाया गया, ये दुर्भाग्यपूर्ण है कहा गया है कि विघालय पाठ्यक्रम में देव भाषा को वैकल्पिक करने का निर्णय संस्कृति की पहचान तथा सशक्तिकरण पर कुठाराघात है। 8 से 9 वर्ष पूर्व तक हिंदी पाठ्यक्रम में गढ़वाली तथा कुमाऊँनी साहित्य भी पाठ्यक्रम का हिस्सा रहे।

उन्हें हटाया जाना स्कूल की देवभूमि के प्रति सोच तथा दृष्टिकोण पर प्रश्न है। केंद्र तथा राज्य सरकार देश तथा देवभूमि को विश्व गुरु के रूप में स्थापित करने पर संवाद करते है। प्रश्न यही है कि क्या दून स्कूल प्रशासन को देश में कोई योग्य व्यक्ति नजर नहीं आता जो साल दर साल स्कूल में हेडमास्टर के पद पर बाहरी देश के व्यक्ति की नियुक्ति की जाती है,जोकि देश या देवभूमि की संस्कृति तथा परंपराओं से पूर्णतः अनिभिज्ञ होता है। संगठन स्कूल प्रशासन से मांग करता है कि हिंदी भाषा को प्रवेश परीक्षा को सम्मलित किया जाय तथा गढ़वाली एवम कुमाऊँनी साहित्य को समाहित कर विघार्थियों को पढ़ाया जाय। देव भाषा संस्कृत को वैकल्पिक के स्थान पर नियमित पाठक्रम में सम्मलित कर संस्कृति को सम्मान प्रदान करें। इस मौके पर राजेश चमोली, बिलास गौड़, सुशील कुमार, आदर्श कुमार, दीपक गैरोला, रमा चौहान, आशीष नोटियाल सहित कई लोग उपस्थित रहे।

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