1139 लावारिस आत्माओं को मिली गंगा की गोद, जोधपुर की संस्था ने हरकी पैड़ी पर किया अस्थियों का विसर्जन

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हरिद्वार : समाजिक संस्था श्री हिंदू सेवा मंडल (रजि) जोधपुर के तत्वाधान में हरकी पैड़ी हरिद्वार में 1139 लावारिस आत्माओं को गंगा की गोद मिली। गंगा सभा के अध्यक्ष प्रदीप झा और तीर्थ पुरोहित आशु वराट ने पूर्ण विधि विधान से वैदिक मंत्रोच्चार के साथ अस्थि कलशों को गंगा में विसर्जित कराया।

इस मौके पर श्रीगंगासभा के अध्यक्ष प्रदीप झा ने कहा कि लावारिस अस्थियों को गंगा में विसर्जन करना बहुत ही पुण्य का कार्य है। वह इस कार्य को करने वाले श्री हिंदू सेवा दल, जोधपुर के सभी पदाधिकारियों को साधुवाद देते हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व जन्म लावारिस आत्माओं का निश्चित ही संस्था के लोगों से संबंधों का ऋण शेष रहा होगा। जिसे इस जन्म में चुकाया गया है।

कहा कि सनातन संस्कृति में कई जन्मों के कर्मों का हिसाब किताब का लेखा-जोखा रहता है। जिसे चुकाने के लिए मनुष्य को बार-बार जन्म लेना पड़ता है और भविष्य की कामना होती है वह सब कर्मों के द्वारा जन्म के बंधन से छूट कर मोक्ष प्राप्त कर सके।‌ गंगा में अस्थियों का विसर्जन आत्माओं को मोक्ष की प्राप्ति कराता है।

संस्था के महासचिव विष्णु चंद्र प्रजापत ने बताया कि उनकी संस्था के द्वारा 1139 लावारिस मृत लोगों की अस्थियों को गंगा में विसर्जित कराया गया है। जिसमें दो विदेशी आस्ट्रेलिया और इजरायल के सैलानियों का अस्थि कलश भी शामिल रहा। इसके साथ 50 अस्थियां कोविड के दौरान मृत लावारिस, गरीब और असहाय परिवार के लोगों की थीं।

उन्होंने बताया कि 21 सदस्यों का दल 1139 मृत लोगों की अस्थियों को लेकर हरिद्वार पहुंचा है। मंगलवार को सुबह 11:00 बजे हर की पैड़ी घाट पर गंगा सभा के अध्यक्ष प्रदीप झा की मौजूदगी में इनका गंगा की गोद में विसर्जन किया गया।

इस मौके पर महेश जाजड़ा, लख्मीचंद किसनानी, कैलाश जाजू, राकेश गौड़, ताराचंद शर्मा, सुरेंद्र सिंह सांखला, दिनेश रामावत, गौरीशंकर गांधी सहित अन्य कार्यकर्ता मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि अस्थि विसर्जन के पूर्व भीमगौड़ा से लेकर हरकी पैड़ी तक पैदल अस्थि कलश शोभायात्रा भी निकाली गई।

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