देहरादून। संवाददाता। विश्व की आध्यात्मिक राजधानी हरिद्वार के अद्धुत मंदिर में भूमा पीठाधीश्वर स्वामी अच्युतानन्द तीर्थ जी महाराज की अध्यक्षता में 12 और 13 जनवरी को धर्म संसद का आयोजन किया जायेगा। जिसमें सनातन धर्म के सभी प्रमुख संतो और संगठनों को आमंत्रित किया जायेगा धर्म संसद की सफलता के लिए नौ दिवसीय मां बगलामुखी महायज्ञ का आयोजन किया जायेगा।
देहरादून प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान इस बात की जानकारी देते हुए अखिल भारतीय संत परिषद के राष्ट्रीय संयोजक यति नरसिंहानन्द सरस्वती जी महाराज द्वारा कहा गया कि आज सारे सनातन धर्मीयों के लिए गौरव का क्षण है जब लाखों बलिदान के बाद हमें राम मन्दिर मिला है। अब यह हमारी जिम्मेदारी है कि भविष्य में कभी भी कोई हमारा मन्दिर न तोड़ा जा सके। इसके लिए हमे वैचारिक रूप से उन विचारधाराओ को समाप्त करना होगा जो दूसरे धर्मो के धर्मस्थल तोड़ती है।
यदि ऐसी विचारधाराएं धरती पर रहेंगी तो मानवता पर खतरा बना रहेगा। इसलिए प्रत्येक मानव का कर्तव्य है कि वह ऐसी विचारधाराओं से वैचारिक संघर्ष करें व अपने धर्म और अस्तित्व की रक्षा के लिए स्वंय को तैयार करें ताकी कल कोई बाबर व औरंगजेब दोबारा हमारे मन्दिरों को विंध्वस न कर सके। इस मौके पर भैरव सेना के संस्थापक सदस्य संदीप खत्री ने कहा कि समय समय पर हिन्दुत्व के प्रखर योद्धाओं को देवभूमि उत्तराखण्ड की पावन धरती पर धर्म योद्धाओं को संबोधित करने के लिए धर्म गुरूओं का प्रवास कराया जायेगा इस कड़ी में सर्वप्रथम डासना के पीठाधीश्वर स्वामी यति नरसिंहानंद सरस्वती जी को देहरादून के प्रवास पर आमंत्रित किया गया है। इस अवसर पर मुख्य रूप से बाल योगी ज्ञान नाथ, यति रामास्वरूपा नन्द सरस्वती, यति सत्यदेवानन्द सरस्वती सहित कई लोग उपस्थित रहे।