13 प्रतिशत की छलांग ने दिलाई सबसे बड़ी जीत

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उत्तराखंड के अलग राज्य बनने के बाद हुए चार विधानसभा चुनावों में से वर्ष 2017 के चुनाव बिल्कुल एकतरफा रहे। यह पहला अवसर था, जब कोई पार्टी तीन-चौथाई से अधिक बहुमत हासिल कर सत्ता तक पहुंची। इससे पहले के तीन चुनाव में सरकार बनाने वाली पार्टी को मामूली बहुमत मिला या फिर सबसे बड़ी पार्टी ने अन्य के साथ मिलकर सरकार बनाई। 70 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा को 57 सीटें मिली, तो कांग्रेस महज 11 पर सिमट गई। चुनाव परिणाम का दिलचस्प पहलू यह रहा कि कांग्रेस के मत प्रतिशत में वर्ष 2012 के मुकाबले केवल 0.29 प्रतिशत की कमी आई, जिसने सीटों में इतना अंतर पैदा कर दिया।

वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा की पांचों सीटों पर जीत और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जादू को देखते हुए राजनीतिक गलियारों में तय माना जा रहा था कि भाजपा वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में पहले की अपेक्षा जोरदार प्रदर्शन करेगी, लेकिन तब किसी ने यह आकलन नहीं किया था कि उसे मिलने वाला जनमत इतना विशाल होगा। वर्ष 2012 के चुनाव में भाजपा को 31 सीट हासिल हुई थीं, जबकि कांग्रेस एक अधिक, यानी 32 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी। यही वजह रही कि कांग्रेस को सरकार बनाने का आमंत्रण मिला और उसने बाहरी समर्थन से सरकार बना अवसर को भुना भी लिया।

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