देहरादून। प्रदेश का सबसे बड़ा कॉलेज डीएवी को 15 साल के लंबे इंतजार के बाद राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) का बी ग्रेड मिल गया है। डीएवी को अब जल्द ही राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (रूसा) से दो करोड़ रुपये की ग्रांट मिलेगी। इससे पहले वर्ष 2004 में कॉलेज को नैक से बी प्लस ग्रेड मिला था।
डीएवी पीजी कॉलेज को नवंबर 2004 में नैक से ग्रेडिंग मिली थी। एक नियत अंतराल के बाद इसकी पूरी प्रक्रिया दोबारा होती है लेकिन यहां नहीं हो पाई थी। कॉलेज प्राचार्य डॉ. अजय सक्सेना ने नए सिरे से शुरुआत की। दिसंबर में नैक की टीम ने डीएवी का निरीक्षण किया।
एसएसआर रिपोर्ट के 70 प्रतिशत और निरीक्षण के 30 प्रतिशत अंक जोड़ने के बाद डीएवी की रिपोर्ट तैयार हुई। बृहस्पतिवार को नैक ने डीएवी को ‘बी’ ग्रेड देने का ऐलान कर दिया। नैक ग्रेड मिलने के नैक समन्वयक डॉ. एचएस रंधावा, डॉ. प्रशांत सिंह, आईक्यूएसी प्रभारी डॉ. प्रशांत शर्मा, संयोजिका डॉ. शिखा नागलिया और डॉ. मोनिशा सक्सेना ने प्राचार्य को बधाई दी।
यह होगा फायदा
उच्च शिक्षण संस्थानों को अपने विकास के लिए राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान(रूसा) से ग्रांट मिलती है। इसकी सबसे अनिवार्य शर्त यह है कि उस कॉलेज के पास नैक का ग्रेड नहीं होना चाहिए। डीएवी को नैक ग्रेड मिलने के बाद यहां यूजीसी, रूसा सहित विभिन्न माध्यमों से बजट मिलने का रास्ता साफ हो जाएगा। नैक ग्रेड वाले डीबीएस पीजी कॉलेज और एसजीआरआर पीजी कॉलेज को रूसा से दो-दो करोड़ रुपये की ग्रांट मिल चुकी है। जल्द ही डीएवी को भी दो करोड़ रुपये की ग्रांट रूसा से मिलेगी।
नैक ग्रेड मिलने पर मैं सभी शिक्षकों, गैर शैक्षणिक कर्मचारियों, छात्रसंघ पदाधिकारियों और छात्रों को बधाई देता हूं। अब कॉलेज में विकास की नई परिपाटी तैयार होगी। हमारा मकसद अगली बार नैक से ‘ए’ ग्रेड लेना होगा।
– डॉ. अजय सक्सेना, प्रिंसिपल, डीएवी कॉलेज