देहरादून। पिछले साढ़े चार माह से परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस के टेस्ट की राह ताक रहे हजारों आवेदकों का इंतजार अब खत्म हो गया है। परिवहन विभाग ने अनलॉक-2 के अंतर्गत परमानेंट लाइसेंस जारी करने की शुक्रवार को मंजूरी दे दी। आरटीओ दिनेश चंद्र पठोई ने बताया कि सोमवार यानी 20 जुलाई से रोजाना 40 परमानेंट लाइसेंस बनाने का काम शुरू कर दिया जाएगा। केंद्र सरकार की गाइडलाइन के तहत जिन आवेदकों के लर्निंग लाइसेंस की वैधता एक फरवरी 2020 के बाद खत्म हुई है, वे भी सॉफ्टवेयर पर परमानेंट डीएल के टेस्ट के लिए आवेदन कर सकेंगे। इसके लिए सॉफ्टवेयर में बदलाव कर दिए गए हैं। हालांकि, कोरोना के संक्रमण के मद्देनजर अभी नए लर्निंग लाइसेंस नहीं बनेंगे।
परमानेंट लाइसेंस के लिए आवेदक को ऑनलाइन आवेदन के बाद झाझरा स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ ड्राइविंग एंड ट्रेनिंग रिसर्च (आइडीटीआर) में वाहन पर टेस्ट देने के लिए जाना पड़ेगा। वहां परिवहन निरीक्षक की पहले की तरह तैनाती की जा रही है। अनलॉक-1 में परिवहन विभाग ने गत 22 जून से सीमित कार्य शुरू किए थे। जिनमें पुराने डीएल में संशोधन, परमिट आवेदन, टैक्स जमा करने, फिटनेस, पंजीकरण आदि के कार्य शामिल थे। एक दिन में प्रति कार्य के लिए 20-20 आवेदन ही स्वीकार किए जा रहे हैं। परमानेंट व लर्निंग लाइसेंस का कार्य शुरू नहीं हो पाने से हजारों आवेदक परेशान थे और रोजाना आरटीओ पहुंचकर गुहार लगा रहे थे। यही नहीं, रोजाना आने वाले दूसरे कार्यों के आवेदन में भी लर्निंग व परमानेंट लाइसेंस के आवेदनों की संख्या अधिक आ रही थी, जबकि इनके काम हो ही नहीं रहे थे।
ऐसे में शुक्रवार को आरटीओ पठोई ने आइडीटीआर के अधिकारियों के संग बैठक कर लाइसेंस का कार्य शुरू करने पर चर्चा की। आइडीटीआर अधिकारियों ने बताया कि केंद्र सरकार ने 15 जुलाई से देशभर में ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट खोलने की मंजूरी दे दी है। केंद्र के मानकों के अनुसार आइडीटीआर ने सैनिटाइजेशन व शारीरिक दूरी के अनुपालन की पूरी व्यवस्था कर ली है। ऐसे में विभाग ने सोमवार से रोजाना 40 परमानेंट लाइसेंस के लिए टेस्ट लेने की मंजूरी दे दी। जिसके लिए परिवहन विभाग के सारथी सॉफ्टवेयर पर आवेदन कर स्लॉट बुक कराना होगा।
30 सितंबर तक वैधता वालों को राहत
केंद्र सरकार ने परिवहन से जुड़े दस्तावेजों में वाहन स्वामियों व चालकों को राहत दी हुई है। इसमें यदि किसी वाहन के कागजात या फिर चालक के लाइसेंस की वैधता एक फरवरी 2020 के बाद खत्म हुई है तो उसे 30 सितंबर 2020 तक वैध माना जाएगा। लिहाजा, जिनके लर्निंग लाइसेंस की वैधता एक फरवरी के बाद खत्म हुई है, सिर्फ वह ही परमानेंट लाइसेंस के लिए आवेदन कर सकेंगे।
टेस्ट में ले जानी होगी अपनी कार
आइडीटीआर झाझरा में चैपहिया के लिए परमानेंट लाइसेंस का टेस्ट देने में आवेदकों को अपनी कार ले जानी होगी। दुपहिया के लिए यह बाध्यता नहीं होगी। आइडीटीआर के अधिकारियों ने बताया कि टेस्ट के लिए कार सीमित संख्या में हैं और एक टेस्ट होने के बाद कार को बार-बार सैनिटाइज कराना मुनासिब नहीं होगा। इसलिए बाध्यता रहेगी कि आवेदक अपनी कार लेकर जाएं।
दो मार्च से बंद पड़ा है कार्य
आरटीओ में लाइसेंस बनाने का कामकाज कोरोना से पूर्व दो मार्च से ही बंद है। राज्य में जनरल-ओबीसी कर्मचारियों की हड़ताल के चलते कार्यालय में कामकाज नहीं हुआ था। होली के बाद हड़ताल खुली तो देश में कोरोना के लॉकडाउन में कार्यालय बंद हो गया। इसके चलते तमाम कार्य अटके हुए थे। कुछ कार्य 22 जून से शुरू हुए थे और लाइसेंस का 20 जुलाई से शुरू हो जाएगा।