हाईकोर्ट ने प्रदेश में 2017 में हुए विधान सभा चुनाव में ईवीएम में हुई गड़बड़ी मामले में दायर याचिकाओं को वेरिफाइड नहीं होने के कारण निरस्त कर दिया है। कोर्ट ने 14 अक्तूबर को निर्णय सुरक्षित रख लिया था।याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता ने कहा है कि हाईकोर्ट के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाएगी। न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई।
कांग्रेस के पराजित प्रत्याशी और पूर्व मंत्री नवप्रभात, विक्रम सिंह नेगी, राजकुमार, अंबरीष कुमार, मसूरी की गोदावरी थापली ने हाईकोर्ट में चुनाव याचिकाएं दायर कर भाजपा के जीते हुए प्रत्याशी मुन्ना सिंह चौहान, खजान दास, आदेश कुमार चौहान और गणेश जोशी के निवार्चन को चुनौती देते हुए चुनाव आयोग और सरकार पर आरोप लगाया गया था कि उक्त भाजपा प्रत्याशियों को जिताने के लिए ईवीएम में गड़बड़ी की गई है।याचिकाकर्ताओं ने उक्त के निवार्चन को निरस्त करने की मांग की थी। वहीं, जीते हुए प्रत्याशियों की ओर से कहा गया था विपक्षियों की याचिकाएं आधारहीन हैं।ईवीएम में किसी भी तरह की कोई गड़बड़ी नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ताओं ने ईवीएम में गड़बड़ी होने का कोई सबूत भी पेश नहीं किया है, इसलिए सभी याचिकाएं निरस्त किए जाने योग्य है। पूर्व में कोर्ट ने सुनवाई के बाद निर्णय सुरक्षित रख लिया था। मंगलवार को कोर्ट ने सभी याचिकाओं को निरस्त कर दिया।