देहरादून। संवाददाता। भूमाफियाओं द्वारा किसानों की भूमि को गोल्डन फारेस्ट कंपनी को बेचे जाने का मामला सामने आया है।
साल 2003 में तहसील विकासनगर के अंतर्गत ग्रामसभा ईहोटा में किसानों की कृषि भूमि को प्रशासनिक अधिकाारियों द्वारा किसानों को सूचित किये बिना ही सरकारी जमीन में शामिल कर दिया गया। महामंत्री किसान मोर्चा लखन सिंह राणा का कहना है कि कुछ भूमाफियाओं ने भोले किसानों की जमीन को फर्जीवाड़ा करते हुए बेच दिया। मामला कोर्ट में लंबित है। जबकी मामलें को 15 साल हो चुके हैं। अभी तक किसी भी तरह की न्यायिक एवं प्रशासनिक सुनवाई नहीं हुई है। जिस वजह से किसान आर्थिक व मानसिक रूप से तनाव ग्रस्त हो कर अत्महत्या करने को मजबूर हो चले है।