देहरादून। आशीष बडोला। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने जिस ओएसडी को प्रदेश कार्यालय की जिम्मेंदारी दी है। वो जनहित में अपनी भागीदारी बखूभी निभा रहे हैं। मंगलवार को हरक सिंह रावत किसी वजह से नहीं आ सकें। ऐसे में मंत्री मदन कौशिक ने जनता दरबार की जिम्मेंदारी संभाली। मगर उन्हें किसी जरूरी काम से जाना था, तो वे सवा घंटे बाद रवाना हो गए। ऐसे में मुख्यमंत्री के सलाहकार उर्वादत्त भट्ट ने जिम्मेंदारी को बखूभी निभाया, हाॅल से सटे अपने कमरे में ही उन्होंने अधिकारियों और विधायकों को जन-समस्याओं पर फोन खनखनाये।
इतना ही नहीं दिन की तपतपाती धूप से आए फरयादियों और पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए पानी और चाय का इंतजाम करने पर भी उनका पूरा ध्यान रहता है।
कई बार वो इस तरह से शिष्टाचार का परिचय देते देखे गए हैं। मंगलवार को भी नजारा कुछ देखने लायक था। जनता दरबार से मंत्री के जाते ही उन्होंने मोर्चा संभाल लिया। ऐसे ही कुछ खास मामलों पर उत्तराखण्ड रिपोर्ट ने नजर घुमाई है।
केस 1- मोहनी रोड़ निवासी शिवनी करीब 1 बजे जनता दरबार में पहुंची। उसने मुख्यमंत्री के सलाहकार उर्वादत्त भट्ट के सामने अपनी बात रखी। बताया कि वो 12वीं पास कर चुकी है, आगे पढ़ना चाहती है। पिता का देहान्त हो चुका है। आर्थिक सहायता मिल जाए तो होटल मैनेजमंेट का कोर्स करना चाहती है। जिस पर उन्होंने क्षेत्रिय विधायक खजानदास को लिखित में सहायता करने और सहयोग का आश्वासन दिया।
केस 2-कुछ लोग हरिद्वार से जनता दरबार में पहंुचे, उन्होंने उर्वादत्त को बताया कि कनखल के पास एक वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो गया। जिसमें एक लड़के को फंसाया जा रहा है। जो लोग मदद के लिए पहुंचे थे, उनमें कुछ पार्टी कार्यकर्ता भी थे, जिस पर भट्ट ने साफ जवाब दिया मेरी उस लड़के से बात कराओं तभी मैं आगे कुछ करूंगा। फिर उन्होंने एसएसपी हरद्विार से फोन पर मामलें का सज्ञान लेने के आदेश किए।
केस 3-बद्रीनाथ निवासी सुदर्शन महाराज का आश्रम साल 2013 में क्षतिग्रस्त हो गया था। तत्कालीन सरकार को इस संबंध में कई बार अवगत कराया गया। मगर अभी तक कुछ नहीं हो सका है, जिस पर मुख्यमंत्री के सलाहकार ने फोन पर क्षेत्रिय विधायक को मामलें से अवगत कराते हुए निस्तारण करने के निर्देश दिए।