2200 करोड़ की लागत से दून में तैयार होगा रोपवे, ट्रैफिक जाम से मिलेगी राहत, एमओयू पर हस्ताक्षर

0
156

Journey on rope way in Doon, MoU signedदेहरादून। देहरादून की सड़कों पर हर समय लगने वाले ट्रैफिक जाम से अब लोगों को राहत मिलने वाली है। त्रिवेंद्र सरकार ने दून शहर में सामान्य परिवहन प्रणाली के लिए करीब 2200 करोड़ की रोपवे की योजना बनाई है। सोमवार को नगर विकास मंत्री मदन कौशिक की मौजूदगी में उत्तराखंड मेट्रो परियोजना और दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन के बीच रोपवे प्रणाली विकसित करने के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किया गया।

उत्तराखंड मेट्रो रेल कारपोरेशन और दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन के मध्य देहरादून शहर में स्थापित होने वाली रोपवे परियोजना की डीपीआर तैयार करने के लिए एमओयू किया गया। दिल्ली मेट्रो रेल के निदेशक (बिजनेस डवलपमेंट) एसडी शर्मा और उत्तराखंड मेट्रो रेल कारपोरेशन के निदेशक बीके मिश्रा ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए। 20 से 25 किलोमीटर के बीच चलने वाली रोपवे परियोजना पर करीब 2200 करोड़ व्यय होने का अनुमान है। इस परियोजना की डीपीआर पांच माह के भीतर तैयार होगी।

डीपीआर बनाने के दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन को पहली किस्त के रूप में 43.30 लाख का चेक प्रदान किया। सरकार का मानना है कि सामान्य परिवहन के लिए रोपवे प्रणाली अपनाने में देहरादून देश का पहला शहर होगा। इस रोपवे के बनने से लोगों को ट्रैफिक जाम से राहत मिलेगी। रोपवे के लिए देहरादून शहर में दो रूट चयनित किए गए। टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के दो साल के भीतर रोपवे बन कर तैयार होगा। इस मौके पर उत्तराखंड मेट्रो परियोजना प्रबंध निदेशक जितेंद्र त्यागी, निदेशक अरविंद त्यागी समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

रोपवे के लिए ये होेंगे रूट
दून शहर में रोपवे के लिए पहला रूट एफआरआई से घंटाकर होकर रिस्पना और दूसरा रूट आईएसबीटी से घंटाघर होकर कंडोली, मधुबन होटल तक रहेगा। एक रोपवे की परिवहन क्षमता लगभग 10 यात्रियों की होगी।

पॉवर प्वाइंट प्रजेंटेशन में बताया गया कि उत्तराखंड में मेट्रो परियोजना के तहत सुविधा अनुसार देहरादून, ऋषिकेश और हरिद्वार में अलग-अलग प्रणालियां विकसित की जाएगी। जिसमें देहरादून में रोपवे प्रणाली, हरिद्वार में पीआरटी पॉड टैक्सी प्रणाली और ऋषिकेश से नेपाली फार्म होकर देहरादून, हरिद्वार से नेपाली फार्म, ऋषिकेश के लिए एलआरटी लाइट मेट्रो प्रणाली स्थापित होगी।

रोपवे प्रणाली सामान्य परिवहन के रूप में स्थापित होने के बाद देहरादून में पर्यटकों और आम लोगों को सुलभ परिवहन की सुविधा मिलेगी। इसके साथ ही ट्रैफिकजाम की समस्या से भी निजात पाने में भी मदद मिलेगी। वर्तमान समय में भारत में कहीं भी स्थल पर रोपवे प्रणाली को सामान्य परिवहन के रूप में प्रयोग नहीं किया जा रहा है। देहरादून देश का पहला शहर होगा जहां इस प्रणाली को अपनाया जाएगा। पूर्व में देहरादून से हरिद्वार, ऋषिकेश के लिए 25 हजार करोड़ की मेट्रो रेल परियोजना बनाई गई थी, लेकिन मेट्रो रेल के लिए जितनी सवारी चाहिए थी, वे उपलब्धि नहीं हो रही थी। साथ ही पूरे शहर को कवर नहीं किया जा सकता था। ऐसे में सरकार ने मेट्रो रेल का फैसला बदला है।
– मदन कौशिक, नगर विकास मंत्री

LEAVE A REPLY