दम तोड़ती 108 में सरकार ने भरा 6 करोड़ का दम

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देहरादून। संवाददाता। सबको मौत के मुंह से बचाने वाली 108 सेवा जब खुद का अस्तित्व खोने जा रहे थी, ऐसे मे सरकार ने दम तोड़ रही 108 आपातकालीन सेवा के संचालन को सुदृढ़ करने के लिए छह करोड़ रुपये जारी किए हैं। जीवीके की ओर से दो माह में सरकार के शेष नौ करोड़ रुपये लौटाने का शपथ पत्र देने के बाद शासन ने यह निर्णय किया है। प्रदेश में इस समय 108 आपातकालीन एंबुलेंस सेवा की हालत खराब चल रही है। जगह-जगह एंबुलेंस सेवा के पहिए थम रहे हैं। इसका कारण जीवीके कंपनी के पास वाहनों को दुरुस्त करने और कर्मचारियों के भुगतान के लिए पैसा न होना है।

सरकार की ओर से कंपनी का भुगतान रोका गया था। दरअसल, कंपनी का 2008 में राज्य सरकार के साथ करार हुआ था। इसके बाद प्रदेश में यह आपातकालीन सेवा शुरू हुई थी। इसने शुरुआत में काफी अच्छा काम भी किया, मगर धीरे-धीरे यह व्यवस्था पटरी से उतरने लगी। अब साल मार्च 2018 में कंपनी और सरकार के बीच करार समाप्त हो रहा है। दरअसल, कंपनी ने टीडीएस के नौ करोड़ का भुगतान शासन को करना है। कंपनी ने पहले सरकार को यह शपथ पत्र दिया था कि वह तीन माह में सरकार का नौ करोड़ रुपये वापस लौटा देगी।

तीन माह का समय समाप्त होने के बावजूद यह रकम वापस नहीं हुई। इस कारण सरकार ने कंपनी का पैसा रोक दिया। अब कंपनी ने फिर से अगले दो माह में इसका भुगतान करने का लिखित आश्वासन दिया तो सरकार ने यह पैसा जारी कर दिया। अपर सचिव स्वास्थ्य डॉ. पंकज कुमार पांडे ने इस आशय का शासनादेश जारी किया है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना है कि राज्य के दुर्गम व दुरस्थ क्षेत्रों में सुचारू स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाना सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है। 108 सेवा प्रदेश में विशेषकर पर्वतीय क्षेत्रों में महत्वपूर्ण काम कर रही है।

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