हरिद्वार कुंभ में कोरोना जांच में हुए फर्जीवाड़े पर कांग्रेस ने सरकार को जांच के लिए 24 तारीख तक का अल्टीमेटम दिया है। इसके बाद कांग्रेस 25 जून को हरिद्वार में गंगा तट पर उपवास के साथ प्रदेशव्यापी आंदोलन का आगाज करेगी।कांग्रेस ने मामले का पर्दाफाश करने के लिए हाईकोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में न्यायिक जांच करवाने की मांग की है। इसके साथ ही कोरोना काल में हुई मौतों पर पार्टी प्रदेश अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री पर 302 के तहत हत्या का मुकदमा दर्ज करने की भी मांग की है। शनिवार को राजपुर रोड स्थित पार्टी प्रदेश कार्यालय में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि भाजपा जो हिंदू धर्म व सनातन परंपरा की ठेकेदार बनती है, उसके राज में महाकुंभ 2021 में कोरोना महामारी में जांच में फर्जीवाड़े का महा पाप किया गया।सरकार के मुखिया व पूर्व मुखिया इस घोटाले को स्वीकार कर चुके हैं और दोषारोपण एक दूसरे पर कर रहे हैं। कोरोना जांच घोटाला एक राष्ट्रद्रोह से कम नहीं है। इसमें लिप्त सभी लोगों का पर्दाफाश व उनके विरुद्ध कठोर कार्रवाई होनी चाहिए।प्रेस वार्ता में प्रीतम ने सवाल उठाया कि 1 अप्रैल को हरिद्वार जिले की संक्रमण दर पूरे उत्तराखंड के 12 जिलों के संक्रमण दर से 75 प्रतिशत कम थी, 2 अप्रैल की यह अंतर 20 प्रतिशत, 4 अप्रैल को 85 प्रतिशत कम थी। 5 अप्रैल को 82 प्रतिशत व 6 अप्रैल को फिर 85 प्रतिशत कम थी।
कुल मिलाकर पूरे अप्रैल के महीने हरिद्वार जहां सरकारी दावे के अनुसार महाकुंभ स्नान के लिए करीब 70 लाख श्रद्धालु आए, वहां कोरोना संक्रमण संक्रमण दर उत्तराखंड के अन्य जनपदों की तुलना में 80 प्रतिशत कम रही, जो आश्चर्यजनक था। लेकिन, मेला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग या सरकार किसी ने भी इस पर गौर नहीं किया।
ये भी उठाए सवाल
-बिना आईसीएमआर के अनापत्ति व मान्यता वाली कंपनी को कैसे दे दिया गया जांच का काम?
– मैक्सवेल सर्विस और दो लैब्स नलवा व लाल चंदानी के बीच एक एमओयू के आधार पर क्यों दे दिया गया महाकुंभ में कोरोना की जांच का काम।
– हरिद्वार में इस बीच जो 314204 टेस्ट हुए, उसमें केवल 18312 लोग पॉजिटिव आए, यानी संक्रमण दर 5.83 प्रतिशत थी, जबकि अन्य जनपदों में इस अवधि में 1071142 लोगों के टेस्ट हुए, जिनमें 138616 लोग पॉजिटिव आए, यानी संक्रमण दर 12.94 प्रतिशत रही।
– इन तथ्यों से यह स्पष्ट है कि जिस जगह (हरिद्वार) में पूरे देश के अलग अलग प्रांतों से लोग आए, वहां संक्रमण दर 55 से 85 प्रतिशत कम आना ही अपने आप में सारी जांचों को कठघरे में खड़ा कर रहा है।पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कुंभ में कोविड जांच घोटाले पर भाजपा पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि फर्जीवाड़े के मामले में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत और पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत एक-दूसरे पर दोषारोपण कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस प्रदेश सरकार को समय देना चाहती है, ताकि सारी परिस्थितियां साफ हो सकें। त्रिवेंद्र और तीरथ के बीच एक-दूसरे पर दोषारोपण जारी रहा तो हरिद्वार से बड़ा तूफान उठेगा और कांग्रेस उसका नेतृत्व करेगी।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने फेसबुक पेज पर कुंभ में कोविड जांच को लेकर कई सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार ने पहले तो कोरोना टेस्टिंग में बड़ा फर्जीवाड़ा किया। अब फर्जीवाड़े को लेकर जिस तरह से दोषारोपण किया जा रहा है उससे राज्य की प्रतिष्ठा पर ज्यादा चोट पहुंचाई जा रही है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि आज तक हम समझते थे जो पहली और अब भाजपा की सरकार है। लेकिन त्रिवेंद्र और तीरथ के एक-दूसरे पर रोषारोपण से लगता है सरकार उनकी है। लोग दोषारोपण नहीं बल्कि जानने के उत्सुक हैं कि फर्जीवाड़ा कितने बड़े पैमाना पर हुआ है।
हरीश रावत ने कहा कि जब कोविड की तीसरी लहर की बात हो रही है तो अधिक सावधान रहने की जरूरत है। प्रदेश की जनता किसके पास जाए। भाजपा ने राज्य की प्रतिष्ठा की हांडियां चौराहों पर तोड़ दी हैं। लोग हमारे यहां की जांचों पर विश्वास नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि कोई तो है इस सबके फर्जीवाड़े में। बचाने वाले कौन हैं, हाथ लंबे दिखाई दे रहे हैं। पूर्व सीएम ने कहा कि कांग्रेस इस मामले को गंभीरता ले रही है।