देहरादून। आशीष बडोला। जिस घर को लेकर देहरादून के लोगों में चर्चा चल रही थी। बुधवार दोपहर वो दिन आ ही गया। भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह बलवीर रोड स्थित प्रदेश कार्यालय से करीब डेढ़ सौं मीटर की दूरी पर मुन्ना सिंह के घर पहुंचे। इससे पहले उनका कार्यालय में भव्य स्वागत किया गया।
इस दौरान उन्होंने ई-लाईबे्ररी का उद्घाटन भी किया। फिर उनके साथ मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट मुन्ना के निवासी पर पहुंचे। बता दे कि मुन्ना जाति से धोबी है। उन्हीं के आवास पर शाह के लिए दोपहर के भोजन का इंतजाम किया गया था।
वैसे तो आमतौर पर देखा जाता है कि राजनीति के चलते नेता दलितों के घर जाकर भोजन करते हैं। इससे उनकी टीआरपी तो बढ़ती ही हैं, लेकिन परिणाम अक्सर विपरीत ही देखने को मिलते हैं।
हां मगर अमितशाह की बात करें तो ऐसा लगता है, वो सिर्फ राजनैतिक लाभ के लिए भोजन करने नहीं जाते बल्कि देश के उस तपके तक पहुंचना चाहते हैं, जिसें समाज में सबसे पिछड़ा और नजर अंदाज किया जाता है। वाके ही शाह जैसे नेताओं ने देश मे समाजिक समरसता के भाव को बुलंदियों तक ही नहीं पहुंचाया बल्कि साबित भी कर दिखाया है।
इसी का नतीजा है कि वो जिस राज्य में दलितों के यहां भोजन करने जाते हैं, भाजपा वहां पहले की अपेक्षा अधिक सीटों को हासिल करने में सफल होती है। कहते हैं, जिस मनोभावना और आत्मा सत्यता से जब कोई कार्य किया जाता है, तो उसके परिणाम ईश्वर प्रदत्त होते हैं।
जो अमितशाह को दलितों के यहां भोजन करने से दुआवों में मिल रहे हैं। जिससें वो संगठन को दलितों के दिलों में काबिज करने का सिलसिला जारी रखते दिख रहे हैं। बता दे कि शाह को भोजन की थाली में दाल, रोटी, पूरी व खीर खुद दलित मुन्ना के हाथों दी गई। जबकी चटनी और सलाद का आनंद वो स्वयं लेते दिखे।