समूह ‘ग’ भर्ती के नए नियम युवाओं पे पड़ रहे भारी

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देहरादून। हाईकोर्ट ने समूह ’ग’ पदों पर भर्ती के लिए सेवायोजन कार्यालय में पंजीकरण की अनिवार्यता को समाप्त करने का आदेश दिया। जिसके बाद उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने करीब 1800 रिक्त पदों में भर्ती प्रक्रिया टाल दी है। इन पदों पर जनवरी में भर्ती प्रक्रिया शुरू होनी थी। इससे लंबे समय से तैयारी में जुटे हजारों युवाओं की उम्मीदों को भी झटका लगा है। इस बीच पिछले एक सप्ताह से उत्तराखंड बेरोजगार संघ व महासंघ अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के कार्यालय पर विरोध के लिए पहुंच रहे हैं।

आयोग के सचिव संतोष बडोनी ने बताया कि नए साल में कनिष्ठ सहायक, सहायक लेखाकार, आइटी अनुदेशक, ग्राम्य विकास अधिकारी, ग्राम पंचायत विकास अधिकारी, एलटी शिक्षक आदि के करीब 18 सौ पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू की जानी थी, लेकिन हाईकोर्ट के आदेश के बाद आयोग ने भर्ती प्रक्रिया फिलहाल रोक दी है और इस बारे में सरकार से राय मांगी है। कहा कि इस बारे में आयोग पहुंच रहे युवाओं को भी जानकारी दी जा रही है। उन्होंने बताया कि अभी तक समूह ’ग’ के पदों पर भर्ती के लिए सेवायोजन में पंजीकरण अनिवार्य था।

वहीं अभ्यर्थी इन पदों के लिए आवेदन कर सकता था, जिसने प्रदेश के किसी भी रोजगार कार्यालय में पंजीकरण कराया हो। आयोग कार्यालय पर किया प्रदर्शन उत्तराखंड बेरोजगार संघ ने मंगलवार को अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के कार्यालय के बाहर धरना दिया और विरोध किया। उन्होंने आयोग के सचिव को दिए ज्ञापन में कहा कि आयोग समूह ’ग’ के रिक्त पदों की विज्ञप्ति जारी करे। कहा कि आयोग रिक्त पदों को यूकेएसएसएससी की वेबसाइट पर डाले, भले ही विज्ञापन न्यायालय के निर्णय के बाद शुरू करें।

उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार एवं आयोग के सचिव मिलकर प्रदेश के युवाओं को गुमराह कर रहे हैं। आरोप लगाया कि आयोग के पास पद नहीं हैं वह केवल छात्रों को गुमराह कर रहे हैं। जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जातीं, जब तक वह कार्यालय के बाहर से नहीं हटेंगे। इस मौके पर बेरोजगार महासंघ कुमाऊं से पीसी पंत, संघ के अध्यक्ष बॉबी पंवार, कोषाध्यक्ष सत्यम रागटा, उपाध्यक्ष विरेश चैधरी, धीरज रौतेला आदि मौजूद रहे।

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