देहरादून। संवाददाता। उत्तराखण्ड सरकार द्वारा विगत 25 वर्षो से चली आ रही प्राथमिक शिक्षा सेवा नियमावली को संशोधित कर चयन प्रक्रिया में अनेक बिन्दुओं पर बदलाव किया गया है। जिसके चलते प्रदेश के हजारों बीएड टीआईटी प्रशिक्षित बेरोजगार आहत है। क्योंकि वर्तमान नियमावली में प्रशिक्षण वर्ष की ज्येष्ठता को आधार नहीं बनाया गया है जबकि चयन प्रक्रिया में टीईटी की श्रेष्ठता को नियुक्ति का आधार बनाया गया है। इस बदलाव के खिलाफ बीएड टीईटी प्रशिक्षित महासंघ ने आज परेड मैदान स्थित धरना स्थल से मुख्यमंत्री आवास कूच किया जिन्हे गिरफ्तार कर लिया गया है।
बीएड टीईटी प्रशिक्षित बेरोजगारों की सरकार से मांगे है कि प्राथमिक शिक्षक भर्ती सेवा नियमावली में बीएड वर्षवार ज्येष्ठता को सम्मलित करते हुए संशोधित नियमावली का शासनादेश जारी किया जाये। उन्होने कहा है कि प्राथमिक विघालयों में समस्त रिक्त पदों पर बीएड ज्येष्ठता व श्रेष्ठता के आधार पर वर्षवार नियुक्ति की जाये। प्राथमिक शिक्षा सेवा नियमावली में सहायक अध्यापक चयन के लिए स्नातक में 50 प्रतिशत अंकों की बाध्यता रखी गयी है जिसे पूर्व के भांति सिर्फ स्नातक उत्तीर्ण किया जाये सहित अनेक मांगे है।
उन्होने कहा कि यदि सरकार ने उनकीउपरोक्त मांगों के सम्बन्ध में कोई कार्यवाही नहीं की तो प्रदेश के सैकड़ों बीएड प्रशिक्षित बेरोजगार सामुहिक रूप से शिक्षा निदेशालय में आत्मघाती कदम उठाने के लिए मजबूर होंगे। मुख्यमंत्री आवास कूच करने के दौरान प्रशिक्षित महासंघ के लोगों को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया है। जिनमें महेन्द्र सिंह, मनमोहन, जीवन, अरविन्द राणा सहित कई लोग शामिल रहे।