हरिद्वार। संवाददाता। योग गुरू बाबा रामदेव ने आज अयोध्या में राम मन्दिर निर्माण पर देश में हो रही राजनीति पर रोष जताते हुए कहा कि केन्द्र सरकार अयोध्या में भव्य राम मन्दिर निर्माण के लिए अध्यादेश लाये।
स्वामी रामदेव का यह बयान ऐसे समय में आया है जब खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा राम मन्दिर निर्माण के लिए अध्यादेश लाने से साफ इंकार किया जा चुका हैं। प्रधानमंत्री मोदी के इस बयान के बाद साधू संतो की मिली जुली प्रतिक्रियाये आयी है। जहां कुछ साधू संतो का कहना है कि न्यायालय से ही इस मुद्दे का हल निकल पाना संभव है जबकि कुछ साधू संतो द्वारा मोदी के अध्यादेश न लाने पर नाराजगी जताते हुए साफ किया गया है कि इसका खामियाजा चुनाव में भाजपा को भुगतना पड़ेगा। स्वामी रामदेव का कहना है कि देश के लोग चाहते है कि अयोध्या में शीघ्र भव्य राम मन्दिर बने।
उन्होने कहा कि आम आदमी ही नहीं कोई भी राजनीतिक दल या नेता राम मंदिर निर्माण का विरोध नहीं कर रहा है सरकार यदि अध्यादेश लाती है तो संसद में भी इसका कोई विरोध नहीं करेगा। ज्यादा से ज्यादा कुछ दल सदन सेक वाक आउट कर सकते है। स्वामी रामदेव का मानना है कि भाजपा ने 2014 में सत्ता में आने पर राम मन्दिर निर्माण का वायदा किया था जिसे अगर अब भी पूरा नहीं किया जाता है तो देश के लोगों का भरोसा भाजपा से उठ जायेगा। स्वामी रामदेव का मानना है कि अगर भाजपा ने समय रहते इस मुद्दे पर आम सहमति बनाने का प्रयास किया होता तो आसानी से राम मन्दिर निर्माण का मार्ग निकल सकता था।
यहां यह भी उल्लेखनीय है कि संघ के नेताओं द्वारा भी सरकार पर अध्यादेश लाने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। मोदी सरकार के कार्यकाल के अब सिर्फ तीन माह का समय ही शेष बचा है इसलिए अदालत से इस मुद्दे का निस्तारण इतनी कम अवधि में संभव नहीं है यही कारण है कि अब साधू संत तथा संघ चाहता है कि सरकार अध्यादेश लाकर राम मन्दिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त करे। उधर विहिप द्वारा भी सरकार से अध्यादेश लाने की मांग की जा रही है। स्वामी रामदेव का कहना है कि अयोध्या के राम मन्दिर निर्माण पर राजनीति बहुत हो चुकी है अब राजनीति बंद होनी चाहिए और राम मन्दिर का निर्माण होना चाहिए। रामदेव ने यह बातें आज पंतजलि के 24वें स्थापना दिवस पर पंताजलि परिधान के उद्घाटन के अवसर पर कहीं।