देहरादून। संवाददाता। उत्तराखण्ड के वित्त व आबकारी मंत्री प्रकाश पन्त ने एक विदेशी प्रतिनिधिमण्डल से मुलाकात कर उत्तराखण्ड में भांग की खेती के विकास संबंधी चर्चा की। दल में जापान एवं यूएसए के विशेषज्ञ सम्मिलित रहेए जिनके द्वारा विदेशों में भांग की खेती के विकास व उसके मानवहित में बेहतर उपयोग के लिए रिसर्च किए गए हैं।
उत्तराखण्ड में भांग की खेती के लिए भौगोलिक क्षेत्र उपलब्ध हैं।
यहां पहले से ही भांग की खेती का प्रचलन है। विशेषज्ञों ने बताया कि इस भौगोलिक क्षेत्र का बेहतर उपयोग कर भांग के मेडिसिनल प्लांटों का रोपण कर उससे दवाईयों के उत्पादन की काफी संभावनायें मौजूद हैं। इससे न केवल क्षेत्रीय स्तर पर रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगेए बल्कि किसानों को भी इस योजना से जोड़कर उनकी आर्थिकी मजबूत की जा सकती है। भांग के पौंधों का रोपण बड़े पैमाने पर किया जायेगा।
विधानसभा स्थित अपने कार्यालय में विदेशी प्रतिनिधिमण्डल से मुलाकात करते हुए पंत ने अवगत कराया कि पर्वतीय क्षेत्रों में भांग की खेती आदि काल से ही की जाती रही हैए परन्तु इस प्रोजेक्ट के माध्यम से भांग के पौंधों का विकास एवं उपयोग सिस्टमैटिकए वैज्ञानिक पद्धति से किया जायेगा। उससे प्राप्त अवयवों को जीवन रक्षक औषधियों में परिवर्तित कर जनोपयोगी बनाया जायेगा।
राज्य में लैन्टाना तथा अन्य जंगली निष्प्रयोज्य प्रजातियों के कारण व जंगली जानवरों के द्वारा खेती को किये जा रहे नुकसान से बचाने तथा बंजर जमीन को उपजाऊ बनाने में भी हैम्पष्ष् का उपयोग किया जा सकता है। इससे राज्य में विदेशी निवेश को बढ़ाने में मदद मिलेगी।इस अवसर पर डाण् विवेक विक्रमए बेरी गुरियन बॉटनिस्टए मासाहिशा मिवाए मिवा कान्यको कम्पनी लिण् आदि शामिल रहे।