देहरादून। लोकसभा चुनाव से ऐन पहले पार्टीजनों को साधने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार अब सभी 13 जिलों में गठित होने वाली विभिन्न विभागों की समितियों में लगभग डेढ़ हजार कार्यकर्ताओं को तोहफा देने की तैयारी कर रही है। हालांकि, इन्हें मंत्री स्तर का दर्जा प्राप्त नहीं होगा। इसके अलावा नगर निकायों में भी काफी संख्या में पार्टी कार्यकर्ताओं को पार्षद और सदस्य मनोनीत करने की कवायद भी अंतिम चरण में है। बताया जा रहा कि ये मनोनयन भी जल्द कर दिए जाएंगे।
लंबे इंतजार के बाद प्रदेश सरकार ने बीती 22 दिसंबर को 14 नेताओं को विभिन्न आयोगों, निगमों और प्राधिकरणों में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष के पदों से नवाजा था। इसमें विधायकों को दरकिनार कर पार्टी संगठन को तवज्जो दी गई। इनमें तीन को कैबिनेट और शेष को राज्यमंत्री का दर्जा प्रदान किया गया। अब सरकार जिलों में भी पार्टी कार्यकर्ताओं को साधने की कवायद में जुटी हुई है। इसके तहत जिलों में गठित होने वाली विभिन्न समितियों में कार्यकर्ताओं को अध्यक्ष, उपाध्यक्ष व सदस्य के पदों से नवाजा जाएगा।
जिलों से कार्यकर्ताओं की ओर से इन पदों पर मनोनयन की मांग भी अर्से से उठाई जा रही थी। सूत्रों के मुताबिक जिलों की समितियों में पार्टी कार्यकर्ताओं को एडजस्ट करने के लिए सरकार के स्तर से कसरत लगभग पूरी हो गई है। इसके तहत 1500 के करीब कार्यकर्ताओं को यह तोहफा दिए जाने की संभावना है। इस मनोनयन के लिए कार्यकर्ताओं की सक्रियता, जमीनी पकड़, संबंधित विभाग की जानकारी समेत अन्य बिंदुओं को पैमाना बनाया गया। इसके अलावा राज्य के 84 नगर निकायों में भी पार्टीजनों को पार्षद और सदस्य मनोनीत करने के संबंध में भी सरकार के स्तर पर खाका तैयार कर लिया गया है। जल्द ही यह नियुक्तियां कर दी जाएंगी।
माना जा रहा कि इस पहल के जरिये सरकार एक तीर से दो निशाने साधने की जुगत में है। लंबे इंतजार के बाद राज्य स्तर पर दायित्व वितरण के बाद जिलों के कार्यकर्ता भी आस लगाए बैठे हैं। इसमें देरी होने पर उनकी नाराजगी लोस चुनाव की तैयारियों पर असर डाल सकती है। इसे देखते हुए सरकार ने यह जिलों की समितियों में कार्यकर्ताओं के मनोनयन का का फैसला लिया है। इससे जहां कार्यकर्ता संतुष्ट हो सकेंगे, वहीं लोस चुनाव में भी वे पूरी तन्मयता से जुटेंगे।