देहरादून। केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ ट्रेड यूनियनों ने मंगलवार से दो दिन की हड़ताल शुरू कर दी है। हड़ताल में उत्तराखंड संयुक्त ट्रेड यूनियन्स समन्वय समिति भी शामिल है। उत्तराखंड में हड़ताल में बैंक, एलआईसी, जनरल इंश्योरेंस, बिजली, जल संस्थान, जल निगम, डाक विभाग, जीएनवीएन, ओएनजीसी की कई कर्मचारी यूनियनें शामिल हो रही हैं। साथ ही आंगनबाड़ी, आशा कर्मचारी, उपनल कर्मचारी, संविदा कर्मचारी, सिक्योरिटी गार्ड, मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव, होटल कर्मचारी, चाय बागान मजदूर, भोजन माता भी हड़ताल में शामिल हैं। ग्रामीण बैंकों में पूरी तरह हड़ताल रहेगी। जबकि अन्य बैंकों की कुछ ही यूनियनें हड़ताल पर हैं, ऐसे में सार्वजनिक क्षेत्र के अधिकांश बैंकों पर इसका ज्यादा असर नहीं रहेगा। इंटक के प्रांतीय अध्यक्ष हीरा सिंह बिष्ट का कहना है कि बड़ी संख्या में संविदा, ठेका, वर्कचार्ज कर्मचारी शामिल हो रहे हैं। इसका व्यापक असर रहेगा।
राष्ट्रव्यापी हड़ताल के चलते ओएनजीसी में कर्मचारी समय से पहले एकत्रित हुए संस्थान परिसर में यहां अपनी मांगों को लेकर नारेबाजी की मौके पर ओएनजीसी स्टाफ यूनियन के अध्यक्ष पूर्व परिवहन मंत्री हीरा सिंह बिष्ट ने कर्मचारियों को संबोधित किया। वहीं, उत्तराखंड के दूसरे शहरों में भी हड़ताल का व्यापक असर देखने को मिल रहा है। वहीं, टिहरी में अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन समन्वय समिति के बैनर तले मजदूर संघों ने दिया धरना। न्यूनतम वेतन 18 हजार रूपए करने सहित 15 सूत्रीय मांगों के निस्तारण की कर रहे मांग।