देहरादून। डीजी कानून व्यवस्था अशोक कुमार ने एसएसपी देहरादून को केंद्रीय विद्यालय ओएनजीसी की प्रधानाचार्य डा. अंशुम शर्मा के खिलाफ केस दर्ज करने के आदेश दिए हैं। डा. शर्मा पर जोशीमठ से एक किशोरी को पढ़ाई के नाम पर दून लाकर उत्पीड़न का आरोप है। डीजी अशोक कुमार ने बताया कि अंशुम शर्मा करीब तीन साल पहले किशोरी को पढ़ाई के नाम पर चमोली जोशीमठ से दून लाई थीं। लेकिन उसका कहीं भी दाखिला नहीं करवाया।
उससे घर का काम करवाने के साथ ही मारपीट की जाती थी। तीन माह पूर्व वहां से भागकर किशोरी आयोग पहुंची थी। आयोग ने एसपी चमोली को मुकदमा दर्ज करने को कहा था, लेकिन मुकदमा दर्ज नहीं हुआ। आयोग ने डीजीपी को दून में मुकदमा करवाने के लिए पत्र लिखा। इस पर मंगलवार को एसएसपी देहरादून को मुकदमा दर्ज करने और एसपी चमोली को इस मामले में मुकदमा ना करने का स्पष्टीकरण देने के आदेश दिए हैं।
डेढ़ साल बाद इस मामले को उठाकर मेरी छवि को धूमिल किया जा रहा है। वर्ष 2017 के मई-जून में मैं केंद्रीय विद्यालय-दो हाथीबड़कला में तैनात थी। तब जोशीमठ की एक शिक्षिका उस लड़की को मेरे पास यह कहकर लाई थीं कि यह साथ रहकर काम करने के साथ ही पढ़ाई भी कर लेगी। उनकी गुजारिश पर लड़की की भलाई के लिए मैंने उसे अपने पास रखा और ओपन बोर्ड से पढ़ाने की सोची। लेकिन लड़की का व्यवहार ठीक नहीं लगा, जिस पर जुलाई में मैंने लड़की को शिक्षिका के माध्यम से वापस भिजवा दिया था। अभी तक बाल आयोग की तरफ से मुझे कोई नोटिस नहीं मिला है, साथ ही पूरे मामले में क्या हो रहा है, यह भी मेरी जानकारी में नहीं है।
डा. अंशुम शर्मा, प्रधानाचार्य केवि ओएनजीसी