देहरादून। संवाददाता। भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के निलंबित कुलसचिव मृत्युंजय मिश्रा के दो और करीबियों मृणाल धूलिया व नीरज धूलिया पर पुलिस ने शिकंजा कस दिया। इन दोनों सगे भाइयों पर विश्वविद्यालय में नौकरी के नाम पर 15 से अधिक लोगों से 1.41 करोड़ रुपये की ठगी का आरोप है। दोनों पर मुकदमा बेरोजगार आयुर्वेद डिप्लोमा फार्मेसिस्ट संघ के प्रदेश अध्यक्ष ने नेहरू कॉलोनी थाने में दर्ज कराया है।
संघ के प्रदेश अध्यक्ष आजाद डिमरी का आरोप है कि मृणाल धूलिया व नीरज धूलिया का नेहरू कॉलोनी में ओजस्वी एसोसिएट्स के नाम से ऑफिस है। दोनों उत्तराखंड आयुर्वेद विवि में पीपीपी मोड पर पंचकर्म व आयुर्वेद चिकित्सालय संचालित करते हैं। पिछले साल दोनों ने बताया कि सरकार विश्वविद्यालय में लैब टेक्नीशियन समेत कई पदों को सृजित कर रही है, जिस पर वह अपनी पहुंच से नौकरी लगवा सकता है।
इस पर मार्च 2018 में तकरीबन 15 लोगों ने उसे 1.41 करोड़ रुपये दे दिए। कई माह गुजर जाने के बाद भी किसी की नौकरी नहीं लगी। दोनों से जब भी इस बाबत जानकारी मांगी जाती तो गोलमोल जवाब देकर टरका देते। आरोपितों नेहरू कॉलोनी स्थित घर पर पीड़ित जाते तो वहां उसकी पत्नी मिलती, मृणाल व नीरज कभी नहीं मिलते।
एक बार मृणाल से मुलाकात हुई तो उसने धमकी दी कि उसकी पहुंच काफी ऊपर तक है और वह अच्छी तरह कानूनी दांव-पेच जानता है। धमकाया कि दोबारा पैसे मांगे तो अंजाम बुरा होगा। इसके बाद पिछले चार महीने से दोनों के मोबाइल फोन भी स्विच ऑफ आ रहे हैं।
इंस्पेक्टर राजेश शाह ने बताया कि मृणाल धूलिया और नीरज धूलिया के विरुद्ध धोखाधड़ी, गबन और जानमाल की धमकी देने की धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कर लिया गया है। दोनों की गिरफ्तारी के लिए टीम गठित कर दी गई है।