देहरादून। संवाददाता। एनसीआर की तर्ज पर अब उत्तराखंड में भी देहरादून, हरिद्वार और ऊधमसिंहनगर में रोडवेज बसें सीएनजी पर दौड़ेंगी। सरकार ने अगले एक साल में इन तीनों जनपदों में रोडवेज बसों को सीएनजी पर संचालन के लिए तैयारी कर ली है। पहले चरण में दस अनुबंधित सीएनजी बसें चलाने की तैयारी है। इसके लिए रोडवेज ने कई कंपनियों से बातचीत की है और करार लगभग फाइनल हो चुका है। बसों के लिए सीएनजी फ्यूल का इंतजाम भी कंपनी ही करेगी। दस बसों के ट्रायल का परिणाम सफल होने पर आगे की कसरत की जाएगी। सरकार की कोशिश इन तीनों जनपदों में सभी रोडवेज बसों को सीएनजी पर संचालित करने की है। प्रदूषण के स्तर को कम करने व स्मार्ट शहरों की परिकल्पना को साकार करने में यह कदम कारगर साबित हो सकता है।
उत्तराखंड में रुद्रपुर, काशीपुर व हरिद्वार ऐसे शहर हैं, जहां औद्योगिकीकरण दून से अधिक है। बावजूद इसके दून वायु प्रदूषण में कोसों आगे है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की रिपोर्ट में उत्तराखंड के दून समेत छह शहरों में वायु प्रदूषण के स्तर का आंकलन किया गया। दून में 241 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर प्रदूषण दर्ज किया गया। वायु प्रदूषण में रुद्रपुर में भी पीएम-10 का स्तर 142 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर है। इसके बाद तीसरे स्थान पर हरिद्वार में वायु प्रदूषण का ग्राफ 129 है। चौथे स्थान पर हल्द्वानी में 128 और पांचवें स्थान पर काशीपुर 126, छठे स्थान पर ऋषिकेश में वायु प्रदूषण का स्तर 119 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर है। इन पांच शहरों भले ही वायु प्रदूषण मानक (60 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर) से अधिक हो, मगर दून में स्थिति सबसे भयावह है। इससे पता चलता है कि राज्य के इन शहरों में जिस अनुपात में शहरीकरण बढ़ रहा है, उससे कहीं ज्यादा तेजी से प्रदूषण का स्तर भी बढ़ता जा रहा है।