देहरादून। लोक निर्माण विभाग प्रदेश में सभी विधानसभा क्षेत्रों में मिले नए प्रस्तावों का परीक्षण कर यहां सड़कों का निर्माण करेगा। इस वित्तीय वर्ष में विभाग 300 करोड़ रुपये से अधिक की स्वीकृतियां जारी कर चुका है। सरकार द्वारा इस वित्तीय वर्ष में 250 तक की आबादी वाले गांवों में सड़क निर्माण करने के भी निर्देश लोक निर्माण विभाग को दिए गए हैं। प्रदेश सरकार द्वारा प्रत्येक वित्तीय वर्ष में हर विधायक के क्षेत्र में दस करोड़ की सड़कें बनाने को मंजूरी प्रदान की जाती है। इस योजना के तहत विधायक अपने विधानसभा क्षेत्रों में सड़कें बनाने का प्रस्ताव लोक निर्माण विभाग को देते हैं, जिसका परीक्षण करने के उपरांत सड़कों का निर्माण किया जाता है।
इस वर्ष सरकार ने पर्वतीय जिलों में सड़कों को दुरुस्त करने पर विशेष फोकस किया है। इसके तहत विधायकों से मिले प्रस्तावों के आधार पर तमाम विधानसभा क्षेत्रों में सड़कों का निर्माण किया जा रहा है। प्रदेश सरकार इस बार अगले वित्तीय वर्ष के लिए अभी से ही लोक निर्माण विभाग को तकरीबन 600 करोड़ का एकमुश्त बजट जारी करने की तैयारी कर रही है ताकि प्रदेश केसभी विधानसभा क्षेत्रों में सड़क निर्माण के लिए मिले प्रस्तावों पर कार्य किया जा सके। वहीं विपक्ष, सरकार पर लगातार कांग्रेसी विधायक के क्षेत्रों में विकास कार्यों को लेकर अनदेखी का आरोप लगा रहा है। इस पर वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने सरकार का पक्ष स्पष्ट किया है।
उन्होंने कहा कि उत्तरकाशी जिले की पुरोला विधानसभा, टिहरी की धनोल्टी विधानसभा के साथ ही केदारनाथ आदि विधानसभा क्षेत्रों में करोड़ों की सड़कें बनी हैं। ये सभी विधानसभा क्षेत्र गैर भाजपा विधायकों के हैं। सरकार प्रदेश के सभी गांवों तक सड़क पहुंचाने को संकल्पबद्ध है, चाहे वह गांव किसी भी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता हो। अभी सरकार ने 250 की आबादी वाले गांवों तक सड़क पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। इसी आधार पर बजट भी जारी किया जा रहा है। इसमें कांग्रेस व भाजपा का कोई मतलब नहीं है। अब यदि कोई कांग्रेसी विधायक प्रस्ताव भेजेगा ही नहीं, तो फिर क्या कहा जा सकता है।