देहरादून। काशीपुर क्षेत्र में नई विकसित कॉलोनियों व प्लाटिंग में बिजली लाइन शिफिं्टग घोटाले में जांच अधिकारी ने विभाग के आठ अधिकारियों और कर्मचारियों को दोषी माना है। उन्होंने इन्हें संस्पेंड करने की संस्तुति की है। वहीं जांच में यह बात समाने आई है कि दोषी पाए अधिकारियों-कर्मचारियों ने घोटाले से अकूत संपत्ति अर्जित की है। उनके न केवल करोड़ों के मकान बन रहे हैं, बल्कि लाखों की गाड़ियां भी घर पर खड़ी हैं।
काशीपुर डिवीजन में बिजली लाइन शिफिं्टग के नाम पर अनियमितताओं की शिकायत यूपीसीएल के अधिकारियों से की गई थी। लेकिन, इस पर यूपीसीएल के अधिकारियों ने चुप्पी साध ली थी। जिसके बाद आरटीआइ कार्यकर्ता रवि शंकर ने प्रधानमंत्री कार्यालय को शिकायत भेजकर शिकायत की थी। प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से मामले का संज्ञान लेकर प्रदेश सरकार को पत्र भेजा गया था।
जिसके बाद शासन हरकत में आया और ऊर्जा निगम को जांच के आदेश दिए। जांच ऊर्जा निगम के तत्कालीन अधीक्षण अभियंता काशीपुर राजकुमार को सौंपी गई। जांच रिपोर्ट में अधीक्षण अभियंता ने चैंकाने वाले खुलासे किए हैं। जांच में उन्होंने पाया है कि बिल्डरों के साथ मिलकर दोषी अधिकारियों ने यूपीसीएल को करोड़ों रुपये की चपत लगाकर अकूत संपत्ति अर्जित की।
जांच रिपोर्ट में दोषी ठहराए गए अवर अभियंता राजेश सिंह बिष्ट के पास दो बीघा भूमि के साथ ही दो करोड़ रुपये से अधिक लागत से भवन बनाने और लाखों रुपये की गाड़ी होना पाया गया। उन पर यह भी आरोप लगा कि उन्होंने 7.30 लाख की बिजली अवैध रूप से प्रयोग की और खरीदे गए प्लाट के ऊपर गुजर रही 33 केवी लाइन को नियमविरुद्ध शिफ्ट किया। जबकि मामले में दोषी दीपक कर्नाटक टीजी-द्वितीय के पास भी काशीपुर की सबसे महंगी कॉलोनी में लाखों का मकान होना पाया गया। इसके साथ ही अधिशासी अभियंता के पद पर रहे विवेक कांडपाल के पास भी सबसे मंहगी कॉलोनी में करीब 80 लाख का आवास होना पाया गया।
काशीपुर खंड में तैनात विजय कुमार सकारिया के पास दो करोड़ की संपत्ति, तरुण कुमार पूर्व अधिशासी अभियंता के पास भी दो करोड़ और उपखंड अधिकारी सुनील कुमार के पास भी लाखों की संपत्ति का होना पाया गया। जांच अधिकारी ने विवेक कांडपाल अधिशासी अभियंता, विजय कुमार सकारिया अधिशासी अभियंता, काशीपुर, तरुण कुमार अधीक्षण अभियंता पिथौरागढ, सुनील कुमार वर्तमान उपखंड अधिकारी नगरीय काशीपुर, राजेश सिंह बिष्ट अवर अभियंता काशीपुर, चंद्रमोहन पाठक तकनीकी सहायक, दीपक कर्नाटन एसएसओ काशीपुर व रंजीत विद्युत सेल को निलंबित करने की संस्तुति की है। हालांकि, इस मामले में ऊर्जा निगम कार्रवाई से बच रहा है। प्रबंध निदेशक बीसीके मिश्रा ने कहा कि जांच रिपोर्ट का अवलोकन किया जा रहा है। जिसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।