स्मार्ट-पार्किंगः पहले दिन एप के जरिये हुए वाहन पार्क

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देहरादून। घंटाघर से कैनाल रोड तक 22 जगहों में दून की पहली स्मार्ट पार्किंग ने सोमवार से काम करना शुरू कर दिया है। पहले दिन औसत रेस्पांस मिला। कई लोगों ने पार्किंग एप के जरिये पार्किंग की बुकिंग भी कराई। ऐसे लोगों को प्राथमिकता के आधार पर पार्किंग की जगह आवंटित की गई। कई लोग ऐसे भी थे, जिन्होंने ज्यादा ना-नुकूर किए पार्किंग शुल्क का भुगतान किया। पार्किंग व्यवस्था से कई लोग खुश भी नजर आए। उन्होंने उम्मीद जताई कि शुल्क देने से कम से कम उन्हें इस बात की संतुष्टि है कि उनका वाहन सुरक्षित है।

22 स्थानों पर शुरू हुई पार्किंग: एमडीडीए ने घंटाघर से लेकर सिल्वर सिटी मॉल तक कुल 27 पार्किंग प्वाइंट चिह्नित किए हैं। इनमें से 22 स्थानों पर सोमवार को पार्किंग की सुविधा मिलनी शुरू हो गई। दून स्मार्ट पार्किंग के कर्मचारी सुबह से सड़कों पर उतरकर लोगों के वाहन पार्क कराते नजर आए। कर्मचारियों ने बताया कि हमारी जिम्मेदारी वाहनों को व्हाइट लाइन के अंदर पार्क कराने की है, ताकि सड़कों पर जाम न लगे। खास ध्यान इस बात पर है कि कोई वाहन आड़ा तिरछा न खड़ा करें। गांधी पार्क की पार्किंग के बाहर तैनात एक कर्मचारी ने बताया कि गाड़ी अगर पार्किंग के अंदर से चोरी होती है तो यह जिम्मेदारी कंपनी की होगी। हालांकि अगर कोई गाड़ी के शीशे आदि खुले छोड़कर चला जाता है और टप्पेबाजी जैसी घटना हुई तो कंपनी जिम्मेदार नहीं होगी।

पहले दिन दुपहिया चालकों को राहत
पहले दिन गांधी पार्क के बाहर आदतन दुपहिया वाहन मुफ्त में खड़े करने वालों से कर्मचारियों ने शुल्क नहीं लिया, लेकिन चेताया कि भविष्य में पार्किंग करने पर 20 रुपये प्रति घंटा की दर से शुल्क लिया जाएगा। कार चालकों से प्रति घंटा 30 रुपये लिया जा रहा है।

घंटाघर पर लगता रहा जाम
स्मार्ट पार्किंग के कारण दिनभर घंटाघर के आसपास जाम लगता रहा। यहां पर व्हाइट लाइन तक वाहनों की पार्किंग होने के कारण चकराता रोड की ओर से आने वाले वाहनों की वजह से जाम लगना शुरू हुआ। शाम चार बजे के करीब घंटाघर के चारों ओर जाम लगा रहा।

डाउनलोड करें एप
स्मार्ट पार्किंग का एप अपने मोबाइल के प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है। दून स्मार्ट सिटी पार्किंग डालना होगा। प्ले स्टोर से एप को डाउनलोड करने के बाद पहले मोबाइल नंबर के जरिये पंजीकरण करना होगा। उसके बाद ओटीपी मोबाइल नंबर में आएगा। उस ओटीपी को एप में डालना है। इतने में ही पंजीकरण हो जाएगा।

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