उत्‍तराखंड में बीमार बेसिक शिक्षकों पर सरकार मेहरबान, होंगे अटैच और तबादले

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मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित उच्चस्तरीय समिति की सिफारिश के बाद मुख्यमंत्री ने भी 120 शिक्षकों के तबादलों को हरी झंडी दिखा दी है। इनमें माध्यमिक के 44 शिक्षकों को स्थानांतरित किया जाएगा, जबकि बेसिक के 76 शिक्षकों को संबद्ध कर राहत दी जाएगी।

देहरादून : कैंसर, किडनी की गंभीर बीमारियों से पीड़ित शिक्षकों को राहत मिलना तय हो गया है। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित उच्चस्तरीय समिति की सिफारिश के बाद मुख्यमंत्री ने भी 120 शिक्षकों के तबादलों को हरी झंडी दिखा दी है। इनमें माध्यमिक के 44 शिक्षकों को स्थानांतरित किया जाएगा, जबकि बेसिक के 76 शिक्षकों को संबद्ध कर राहत दी जाएगी।

शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने गुरुवार को सचिवालय में नए शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम की मौजूदगी में विभागीय अधिकारियों के साथ मुलाकात की। इस मौके पर बताया गया कि गंभीर रूप से बीमार शिक्षकों के तबादलों को उच्चानुमोदन मिल चुका है। इनमें माध्यमिक शिक्षकों को तबादलों के जरिये सुगम क्षेत्रों में अस्पतालों के समीप विद्यालयों में स्थानांतरित किया जाएगा।

बेसिक शिक्षकों का जिला कैडर होने की वजह से उन्हें स्थानांतरित करने में पेच है। लिहाजा उन्हें सुविधाजनक विद्यालयों में संबद्ध किया जाएगा। बैठक में सहायताप्राप्त अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों में नगर निकाय चुनाव आचार संहिता के चलते भर्ती प्रक्रिया बाधित होने का मसला भी उठा। सरकार शिक्षा अधिनियम के विनियमों में संशोधन कर यह प्रावधान कर चुकी है कि 90 दिन यानी तीन माह में भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं किए जाने की स्थिति में इसे निरस्त माना जाएगा।

निकाय चुनाव आचार संहिता के चलते भर्ती प्रक्रिया शुरू कर चुके विद्यालयों को बीच में ही रुकना पड़ा था। अब यह प्रक्रिया स्वत: निरस्त मानी जाएगी। अशासकीय विद्यालय प्रबंधकों के अनुरोध पर शिक्षा मंत्री ने सचिव को मामले को निस्तारित करने के निर्देश दिए। इसके लिए विनियम में संशोधन कर विद्यालयों को एक बार के लिए शिथिलीकरण देने पर विचार होगा। प्रबंधकीय संस्कृत विद्यालयों की समस्या को निस्तारित करने के निर्देश भी मंत्री ने दिए।

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