देहरादून। हमने चोरी नहीं की है, मै यहां पहली बार आई हूं कुछ ऐसे ही शब्द थे उस महिला गैंगस्टर की जुबान पर, जिसे दून पुलिस ने ईरानी गैंग की महिला बताकर सोने के जेवरातों सहित गिरफ्तार किया था। ऐसा सिर्फ महिला ने ही नहीं कहा बल्की खाकी वर्दीधारी भी पत्रकारों के सामने कहते सुने गए। ईरानी गैंग की इस महिला से कुछ भी कबुलवाना बहुत मुश्किल है। क्या मित्र पुलिस के पास दंबग महिला पुलिस अधिकारी नहीं है। जो सख्ती से सब कबूल करवा सकें।
यदि पुलिस ने महिला का मुंह खुलवा दिया होता तो पत्रकार वार्ता के दौरान ही यह साफ हो जाता वह महराष्ट्र में मकोका के तहत वांछित है। वह ईरानी गैंग की एक शातिर गैंगस्टर हैं। हद तो उस वक्त हो गई जब आरोपी गैंगस्टर फिजा जाफरी की गिरफ्तार को लेकर एसपी सिटी स्वेता चौबे से सवाल पूछे गए तो वह कुर्सी छोड़ने के मूड में आ गई। इससे पता चलता है कि पुलिस मामलें की छानबीन कितनी गंभीरता से कर रही थी। हालांकि पुलिस ने लखनऊ से गिरफ्तार फिजा जाफरी के खिलाफ पुख्ता सबूत जुटा रखे थे। इसी वजह से भी पुलिस रिलेक्स दिखी।