गैरसैंण की मांग को लेकर विभिन्न संगठनों ने विधानसभा से पहले धरना दिया

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देहरादून। संवाददाता। गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान से जुड़े लोगों के धरने को 150 दिन पूरे होने के चलते विभिन्न संगठनों से जुड़े लोगों व राज्य आंदोलनकारियों ने गैरसैण को राजधानी बनाने के लए विधानसभा कूच किया। पुलिस ने राज्य आंदोलनकारियों को दया पैलेस चौक में लगी बेरीकेडिंग पर ही रोक दिया। आंदोलनकारियों ने आगे बढ़ने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस ने उन्हें आगे जाने नहीं दिया। यहां पर नारेबाजी कर आंदोलनकारियों ने सरकारों को जमकर कोसा।

बुधवार को गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान के बैनर तले विभिन्न संगठन, आंदोलनकारियों ने नेहरू कालोनी फुव्वारा चौक से विधानसभा कूच किया। यहां से नारेबाजी करते हुए आंदोलनकारी दया पैलेस चौक पहुंचे तो पुलिस ने आगे जाने नहीं दिया। क्योंकि उस वक्त पूर्व सीएम हरीश रावत के धरने को लेकर रिस्पना पुल से पहले ही कार्यकर्ताओं की भीड़ जुटी हुई थी। ऐसे में आंदोलनकारी बेरीकेडिंग के पास ही धरने पर बैठ गए। इस दौरान उन्होंने मांग को लेकर मौजूद अपर सिटी मजिस्ट्रेट लक्ष्मण चौहान के माध्यम से राष्ट्रपति व प्रदेश के राज्यपाल को ज्ञापन प्रेषित किया। अभियान के मुख्य संयोजक लक्ष्मी प्रसाद थपलियाल ने पूर्व सीएम हरीश रावत के धरने की तरफ इशारे करते हुए कहा कि जब वह मुख्यमंत्री रहे तो वह भी गैरसैण को राजधानी नहीं बना पाए। उन्होंने कहा कि सरकार विधायकों पर लाखों खर्च कर रही है।

जब राज्य बना था तो 13 हजार का कर्जा था और जो बढ़कर 50 हजार तक हो गया। उन्होंने गुरिल्ला, बीएड प्रशिक्षित, योग प्रशिक्षित, बीपीएड प्रशिक्षित, बीफार्मा प्रशिक्षित, ग्राम प्रहरी, पैरामेडिक्स, पैरा वैटरनरी, आंगनवाड़ी कार्यकत्री की पीड़ा को सभी सामने रखा। आंदोलनकारियों ने क्षैतिज आरक्षण, परिवहन व्यवस्था, सड़क पर स्मार्ट पार्किंग, दून अस्पताल की कमियां, लोकपाल जैसे मुद्दों को जोरशोर से उठाया। शराबकांड पर गुस्सा जताते हुए इसे प्रदेश के लिए अभिशाप बताया। ज्ञापन के जरिए उम्मीद जताई गई है कि जब देश के प्रधान मंत्री उत्तराखंड में आएंगे तो वह अपने उद्बोधन में प्रदेश की राजधानी गैरसैंण बनाने की घोषणा करेंगे।

धरने के दौरान अखिल गढ़वाल सभा के अध्यक्ष रोशन धस्माना, आरटीआई लोक सेवा के अध्यक्ष मनोज ध्यानी, मदन सिंह भंडारी, यशवीर आर्य, उत्तराखंड महिला मंच की संयोजिका कमला पंत, जिलाध्यक्ष श्रीमती निर्मला बिष्ट, सुमन नेगी, शंकुतला खंतवाल, लक्ष्मी प्रसाद थपलियाल,आनंद प्रकाश जुयाल, विजय सिंह रावत, नमन चंदोला, प्रकाश गौड़, अंकित बिष्ट, प्रशांत बडोनी, सौरभ रावल, सचिन थपलियाल, चिन्हित राज्य आंदोलनकारी समिति के अध्यक्ष जबर सिंह पावेल, उत्तराखंड आंदोलनकारी मंच के जिलाध्यक्ष प्रदीप कुकरेती, केन्द्रीय महासचिव रामलाल खंडूरी, पूर्व पार्षद रविन्द्र प्रधान, आंदोलनकारी विशम्बर दत्त बौंठियाल, सोहन सिंह रावत, कृष्णकांत कुनियाल, सुरेश नेगी।

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