देहरादून। संवाददाता। अंगूर महज जायके से ही नहीं लुभाता, बल्कि ये कैंसर और हृदय रोग से लड़ने के लिए भी तैयार करता है। अमेरिका की लोंग आइलैंड यूनिवर्सिटी की डॉ. अनेट एस लिवेनसन ने देहरादून में अंततरराष्ट्रीय सेमीनार में ये जानकारी दी।
ग्राफिक एरा में अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के दूसरे दिन डॉ. लिवेनसन ने बताया कि विभिन्न शोधों में पाया गया है कि अंगूर और ब्लू बैरीज में पाया जाने वाला स्ट्राइबिन मानव स्वास्थ्य के लिए बेहतरीन तत्व है। ये दोनों फल मानव शरीर की कई जरूरतों को पूरा करने के साथ ही हृदय संबंधी रोगों और कैंसर से लड़ने की शक्ति बढ़ाता है।
क्लिमसन यूनिवर्सिटी, यूएसए से आए डॉ. जेफ्ररी एडिलबर्ग ने हल्दी और एकहिन्सिया के लाभ और खनिज पोषण के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि हल्दी में कुरकुमिन नामक एक यौगिक कम्पाउंड होता है, जिससे विभिन्न स्वास्थ्य लाभ हैं, जैसे हृदय रोग, अल्जाइमर और कैंसर। हल्दी एक एंण्टी इन्फलामेटिरी और एंटी आक्सिडेंट औषधि है जिसके इस्तेमाल से तनाव और गठिया में सुधार आता है। यूनिवर्सिटी आफ फरारा, इटली की डॉ. पाओला रिच्जो ने बरबारिस के औषधीय मूल्य और कैंसर के उपचार में उसका महत्व बताया।
उन्होंने बताया की बरबारिस का उपयोग गेस्ट्रो इनटेस्टाइनल बीमारियों और खांसी के इलाज के लिए भी किया जाता है। हिमालयन ड्रग्स के डॉ. एस. फारुख ने कहा कि व्यापार शहर बनाते हैं, शहर विश्वविद्यालय बनाते हैं, विश्वविद्यालय विज्ञान बनाते हैं, विज्ञान उद्योग हैं और उद्योग उत्पाद बनाते हैं।
यूनिवर्सिटी ऑफ सस्कटचिवान, कैनेडा से आए प्रो. रविंद्र छिब्बर ने बेहतर मानव स्वास्थ्य के लिए खाद्य जैसे गेहूं, चना और चावल के औषधीय मूल्यों पर चर्चा की। इस सम्मेलन में कैलिफॉर्निया स्टेट यूनिवर्सिटी नोर्थरिड्ज के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. चन्दोक बसु, सीएसआइआर-आइएचबीटी के निदेशक डॉ. संजय कुमार भी मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन विश्वविद्यालय के बायोटेक्नोलाजी और लाइफ साइंसेज की डॉ. मनु पंत ने किया।