देहरादून। पूर्व सीएम हरीश रावत ने राज्य सरकार के 2019-20 के बजट पर सवाल दागे। उन्होंने कहा कि बजट में सिर्फ़ दीन दयाल उपाध्याय, नरेंद्र मोदी और जीरो टोलरेंस का ज़िक्र किया गया है। कांग्रेस सरकार के दौरान शुरू की गई योजनाओं का बीजेपी ने नाम बदलकर पेश किया है। बजट में ना उत्तराखंड है, ना उत्तराखंडीयत है। यहां तक कि सीएम त्रिवेंद्र रावत का मूल गांव खेरासैण भी गायब है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने बिना तथ्यों के विकास दर को बजट में बढ़ा हुआ दिखाया है। कृषि क्षेत्र, ओद्योगिक क्षेत्र और रोजगार के क्षेत्र में विकास दर घटी है। कहा, यह बजट प्रदेश में बेरोज़गारी को बढ़ाएगा। पीडब्ल्यूडी, उद्योग, परिवहन, सिंचाई विभागों के बजट में कटौती की गई है। इंवेस्टेर मीट के बाद से राज्य में 12 से ज़्यादा बड़ी कंपनी बंद हो गई या बंद होने की कगार पर है। बीजेपी सरकार का महापाप इस बजट में देखने को मिला है। बजट में उत्तराखंड जमीदारी भू विनाश अधिनियम की शिथिलता की है। इससे पर्वतीय क्षेत्रों में जमीनें बेचने का रास्ता साफ हुआ है।