पहाडों का विकास सिर्फ दून तक सीमित-यूकेडी

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देहरादून। संवाददाता। उत्तराखंड राज्य निर्माण का मुख्य उद्देश सुदूर पर्वती क्षेत्रों में आमजन को पूर्ण सुविधाएं प्रदान करना था लेकिन उत्तराखंड के नेतृत्व ने इस और कोई ध्यान नहीं दिया। उत्तराखंड राज्य बनने से सत्ता का विकेंद्रीकरण होना चाहिए ताकि जनता की परेशानी दूर हो सके। लेकिन ऐसा ना हो सका और यहां अभी तक की सरकारों ने सब कुछ केंद्रीकृत कर दिया पौड़ी जो की कमिश्नरी थी।

अब कमिश्नर देहरादून बैठते हैं हालांकि अभी अभी नियुक्त आयुक्त ने सारा कामकाज पॉलिसी करने की बात कही है जो कि स्वागत योग्य है लेकिन यह केवल मीडिया तक ही सीमित ना हो इसी प्रकार डीआईजी पुलिस को भी पूरी मुख्य कार्यालय में ही बैठना चाहिए। कमिश्नर अपर आयुक्त डीआईजी पुलिस के अतिरिक्त कई निदेशालय जैसे पौड़ी में कृषि निदेशालय पशुपालन निदेशालय रानीखेत में उद्यान निदेशालय अल्मोड़ा में निबंधक सहकारिता तथा गैर सेंड में शिक्षा निदेशालय आदि है।

सभी विभागों के निदेशक स्थाई राजधानी देहरादून में ही कार्य कर रहे हैं जबकि पूरी अल्मोड़ा एवं गैर सेंड में तो अच्छे भवन भी बने अधिकारी अपनी सुविधानुसार राजधानी में ही रहकर कार्य कर रहे है। जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है उत्तराखंड क्रांति दल सरकार से पुरजोर मांग करता है कि उपरोक्त सभी निदेशकों से शीघ्र अपने यथा स्थान पर कार्य स्थल पर भेजा जाए ताकि जनता लाभान्वित हो सके तथा इसका बार-बार राजधानी आने पर भी रोक लगे यदि सरकार द्वारा 15 दिन के अंदर यह व्यवस्था प्रभावी ढंग से लागू नहीं की तो उत्तराखंड क्रांति दल राज्य बचाओ अभियान के तहत इस पर तीव्र आंदोलन करेगा तथा मांग पूरी ना होने पर अनशन पर भी विचार किया जा सकता है इसलिए मुख्यमंत्री से इस प्रकरण पर शीघ्र कार्यवाही करने का अनुरोध करता है।

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