देहरादून। आयुष्मान भारत व अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना के पात्र के गोल्डन कार्ड 31 मार्च तक निश्शुल्क बनेंगे। इसके लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है। अभियान के दौरान अभी तक लगभग पांच हजार गोल्डन कार्ड बनाए जा चुके हैं। राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के अध्यक्ष डीके कोटिया ने बुधवार को अभियान की समीक्षा की। उन्होंने बताया कि अभियान के तहत उन छूटे हुए लाभार्थियों के गोल्डन कार्ड बनाए जाएंगे, जिनके परिवार के कम से कम एक सदस्य का गोल्डन कार्ड बन चुका है। इस एक कार्ड के आधार पर अन्य छूटे हुए सदस्यों का डाटा तैयार किया गया है और यह डाटा जनसेवा केंद्र पर तैनात वीएलई को उपलब्ध करा दिया गया है।
वीएलई को निर्देश दिए गए हैं कि वह संबंधित क्षेत्र या ग्राम पंचायत में उपलब्ध डाटा के अनुसार कार्ड बनाएं। अभी तक लाभार्थी से 30 रुपये शुल्क लेकर कार्ड बनाया जा रहा था, पर अभियान के दौरान कार्ड मुफ्त बनाया जाएगा। कोटिया ने बताया कि राज्य में आयुष्मान भारत व अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना के तहत अभी तक 38 लाख 65 हजार पात्रों के गोल्डन कार्ड बन चुके हैं। जिसमें राज्य के लगभग 16 लाख 22 हजार परिवारों से कम से कम एक सदस्य सम्मिलित हैं। योजना के अनुसार पांच लाख तक का प्रतिवर्ष प्रति परिवार का कैशलेस उपचार प्राप्त करने के लिए परिवार के प्रत्येक सदस्य का गोल्डन कार्ड बनना आवश्यक है।
इस मानक के अनुसार अभी भी उत्तराखंड में लगभग 30 लाख व्यक्तियों के कार्ड बनने शेष हैं। इस अवसर पर जनसेवा केन्द्र के प्रतिनिधियों को निर्देश दिए गए कि वह मुफ्त गोल्डन कार्ड अभियान के बारे में ग्राम प्रधानों एवं जन प्रतिनिधियों के साथ आवश्यक समन्वय बनाते हुए उनके क्षेत्र के छूटे हुए व्यक्तियों के गोल्डन कार्ड बनाने में तेजी लाएं। आम जन को जागरूक करने के लिए प्रचार-प्रसार के उपयुक्त माध्यमों को भी उपयोग में लिया जाए।