गौमाता व संस्कारवान देवभूमि हमारा संकल्प, संसद तक पहुंचेंगे हम-कथा वाचक गोपालमणी

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देहरादून। संवाददाता। गौमाता एंव संस्कारवान देवभूमि की कल्पना हमारे स्वप्नों में है और यह सपना तभी साकार होगा जब इन विषयों पर संसद में चर्चा होगी। इसके लिए जनता की मांग पर भारतीय गौ क्रांति मंच अब जनता के द्वार जायेगा।

यह बात आज पै्रस क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान गौ गंगा प्रतिष्ठा यात्रा के संयोजक यशवंत सिंह रावत ने कही। उन्होने कहा कि भारतीय संस्कृति का मूल आधार गौ और गंगा है परन्तु आज गौमाता सड़कों पर घूम रही है और सरकार द्वारा गौमाता को पशु की श्रेणी में रखा गया है। जबकि पुरातन से ही गौमाता भारतीय संस्कृति की पुज्य रही है। उन्होने बताया कि गौ माता की इस हालत को देखते हुए भारतीय गौ क्रांति मंच द्वारा सभी प्रदेशों की राजधानियों व जिलों में जन जागरण व रैलियां की गयी। उत्तराखण्ड विधानसभा व हिमाचल विधानसभा से भी गौमाता को राष्ट्रमाता बनाने का प्रस्ताव पारित करवा कर केन्द्र को भेजा गया। परन्तु केन्द्र सरकार ने कभी भी गम्भीरता से इस पर विचार नहीं किया। इस सम्बन्ध में सभी वर्तमान सांसदों से भी सम्पर्क किया गया था लेकिन किसी ने भी इस विषय को संसद में प्रस्तुत नहीं किया।

जिसके कारण पहाड़ की जनता आक्रोशित है और इस विषय को संसद में पहुंचाने के लिए ही हमें जनता द्वारा राजनीति में उतरने के लिए जोर दिया जा रहा है। इस पर हमने निश्चय किया है कि गौ गंगा की प्रतिष्ठा संस्कार वान देवभूमि बनाने के लिए हम जनता के द्वार जायेगें। क्योंकि प्रजातंत्र में जनता ही निर्णायक भूमिका निभाती है। उन्होने कहा कि राजनीति में आना हमारा लक्ष्य नहीं है लेकिन गौ गंगा व संस्कारवान देवभूमि का सपना तभी पूरा होगा जब संसद में इस विषय पर चर्चा की जायेगी।

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