देहरादून। संवाददाता। इवोल्व फाउंडेशन व शालीमार पेंट्स ने हाल में ही द कहानी प्रोजेक्ट लांच किया है। जिसका उद्देश्य उत्तराखण्ड में देहरादून के पास स्थित गांव ताउली भूड़ की विरासत की सुंदरता को बढ़ाना व संरक्षित करना है। अभियान के माध्यम से ताउली भूड़ की संस्कृति व परम्पराओं को एक अनोखे, कलात्मक व रगींन तरीके से मनाने का लक्ष्य रखा गया है।
यह बात आज पै्रस क्लब में पत्रकार वार्ता के दौरान प्रोजेक्ट के सूत्रधारों ने दी। उन्होने बताया कि 20 से 26 फरवरी तक चलाये गये इस अभियान का उद्देश्य गांव की समग्र स्वच्छता में सुधार करते हुए ताउली भूड़ की समृद्ध विरासत को संरक्षित करना था, ताकि आने वाली पीढ़ियां उन्हे देख सके। उन्होने बताया कि ताउली भूड़ में उत्तराखण्ड के जौनसार जनजाति के लोग निवास करते है।
जो मुख्य रूप से जौनसारी भाषा में संवाद करते है जो एक बोली जाने वाली भाषा है जिसे लिखा नहीं जा सकता है। बड़े पैमाने पर प्रवास और एक स्थापित लिपि की कमी के परिणाम स्वरूप गांव के लोगों को डर है कि उनकी भाषा, परंपराए और मूल्य समय के साथ भुला दिये जायेगें। इस चुनौती को पार पाने के लिए शालीमार पेंटस व एवाल्व ने द कहानी प्रोजेक्ट के माध्यम से उनकी लोग कथाओं को जींवत किया है। अभियान में ग्रामीणों के जीवन स्तर को बेहतर करने के लिए गांव की सड़कों की सफाई पर भी ध्यान केन्द्रित किया गया।