देहरादून। रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि उत्तराखंड और सेना का रिश्ता ससुराल-मायके जैसा है। अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने बताया कि उनका उत्तराखंड से बेहद लगाव है। न सिर्फ उनके मायके बल्कि ससुराल पक्ष की भी चारधाम में गहरी आस्था है। ऐसे में दो साल में एकबार यहां आना होता ही था।
क्लेमेनटाउन में आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री ने उत्तराखंड से पीएम मोदी के खास लगाव का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि आयुष्मान योजना के शुरुआती चरण में जब लाभार्थियों को गोल्डन कार्ड बांटने की बात र्हुइ तो उन्होंने मुझे धारचूला भेजा। वे यहां की हर परिस्थिति से वाकिफ हैं।
रक्षा मंत्री ने वन रैंक वन पेंशन पर भी खुलकर बात की। उन्होंने कहा कि जिन्होंने पूर्व सैनिकों की इस मांग को सालों तक लटकाए रखा, वे अब इसमें खामियां गिनवा रहे हैं और पूर्व सैनिकों को गुमराह कर रहे हैं। उनका कहना है कि ऐसे लोगों के बहकावे में आने की जरूरत नहीं है। अगर मन में किसी भी तरह का संदेह है तो मुझसे जवाब मांगिए। चाहे पत्र लिखकर या चाहे अपने सांसद के माध्यम से सवाल उठाइए। मैं हर सवाल का जवाब देने को तैयार हूं, लेकिन पर व्हॉट्सएप पर फैलाए जा रहे भ्रम से दूर रहें।
इससे पहले रक्षा मंत्री ने क्लेमेनटाउन कैंट को सीवर योजना की सौगात दी। उन्होंने कहा कि मैं ये किसी चुनाव के कारण नहीं कह रही हूं, बल्कि यह स्वच्छता से जुडा मसला और मूलभूत जरूरत है। उन्होंने पूर्व सैनिकों की ईसीएचएस पॉलिक्लीनिक की मांग पर कहा कि इसकी स्वीकृति पहले ही दी जा चुकी है। इस पर जल्द कार्रवाई होगी। सीतारमण ने ये भी कहा कि सेवारत रहते एक सैनिक के पास बेस या कमांड हॉस्पिटल जैसे तमाम विकल्प रहते हैं, लेकिन दिक्कतें सेवानिवृत्ति के बाद शुरू होती हैं। क्योंकि जहां वो रहते हैं वहां आसपास ऐसी कोई सुविधा नहीं होती। ऐसे में पालीक्लीनिकों की संख्या बढाई जा रही है। प्राइवेट पॉलीक्लीनिक में कुछ अनियमितताएं आई थी। ऐसे में हमने इनकी जांच कराने का फैसला लिया। यही कारण है कि इसमें देरी हुई।