देहरादून। संवाददाता। तिब्बती महिला संघर्ष की 60वीं वर्षगांठ के अवसर पर आज तिब्बती समुदाय ने उन पुरूषों एंव महिलाओं को श्रद्धांजलि अर्पित की जिन्होने अपने राष्ट्र और अपने लोगों की खातिर अपना जीवन न्यौछावर कर दिया। इस मौके पर तिब्बती समुदाय द्वारा 25 अपै्रल को पंजेन लामा के जन्म दिवस पर राष्ट्र स्तर का शांति मार्च निकालने की भी घोषणा की गयी है।
इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि तिब्बती महिलाओं का तिब्बती इतिहास में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। वर्ष 1959 के बाद बदलते घटनाक्रम में पहली बार तिब्बती इतिहास में महिलाओं की राजनैतिक व बौद्धिक आवार स्पष्ट रूप से प्रखर हुई। 12 मार्च 1959 को तिब्बती इतिहास में पहली बार तिब्बती महिलाओं द्वारा तिब्बत पर चीनी अधिपत्य के खिलाफ एक अहिंसात्मक प्रतिरोध दर्ज किया गया था।
तिब्बत में महिलाए सबसे क्रूर शासन के विरोध में धैर्यपूर्वक व प्रतिबद्धता के साथ खड़ी हुई जिससे की आंदोलन को गति मिली। इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि 11वें पंचेन लामा ग्यादेन छयोकि नीयमा पिछले 24 वर्षो में सन 1995 के समय से चीनी कैद में है तथा उनकी उपलब्धता का कोई अता पता नहीं है। कहा कि 25 अपै्रल को पंचेन लामा 30 वर्ष के हो जायेगें। इसके चलते तिब्बती समुदाय उनकी रिहाई को लेकर 25 अप्रैल को एक राष्ट्रीय स्तर का शांति मार्च करने जा रहा है।