देहरादून। लोक निर्माण विभाग के करीब 14 सौ करोड़ के काम आचार संहिता में फंस गए हैं। इन कामों के टेंडर भी विभाग द्वारा आमंत्रित किए गए थे। मगर, टेंडर प्रक्रिया अपनाने में समय लगने के चलते फिलहाल कार्रवाई स्थगित कर दी गई है। अब आचार संहिता हटने के बाद ही ये काम हो पाएंगे। इससे प्रत्येक विधानसभा की सड़कों के लिए आवंटित किए गए 20 से 25 करोड़ के काम प्रभावित हुए हैं।
आम चुनाव की आहट पर सरकार ने ताबड़तोड़ शिलान्यास और लोकार्पण किए। इस बीच विभागों को विकास कार्यों के लिए खूब बजट भी जारी किया गया। अकेले लोक निर्माण विभाग को ग्रामीण से लेकर शहरी सड़कों के पुनर्निर्माण, नई सड़कों का निर्माण, मरम्मत आदि के लिए प्रत्येक विधानसभा के हिसाब से 20 से 25 करोड़ रुपये आवंटित किए गए।
मगर, चुनाव आचार संहिता से ठीक पहले आवंटित कामों की टेंडर प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई। राजधानी के धर्मपुर, राजपुर, रायपुर समेत अन्य विधानसभा क्षेत्रों में भी मार्च प्रथम सप्ताह में दो से पांच करोड़ के टेंडर आमंत्रित किए गए। नियमानुसार टेंडर प्रक्रिया अपनाने के लिए एक सप्ताह से 21 दिन तक का समय जरूरी होता है।
लोक निर्माण विभाग के करोड़ों रुपये के कार्य ऐसे हैं, जिनके टेंडर जारी होते ही आचार संहिता लग गई। अब ऐसे कामों को विभाग ने स्थगित कर दिया है। इससे विधानसभा और उसके बाद निकाय चुनाव के बीच जनता को विकास का भरोसा देने वाले नेताओं की चिंता बढ़ने लगी है।
कुछ पर गुपचुप अनुबंध की तैयारी
लोनिवि में कई काम ऐसे हैं, जिनको विधायकों और मंत्रियों ने प्राथमिकता में रखा है। ऐसे कामों की टेंडर प्रक्रिया में देरी होने पर अब विभाग गुपचुप तरीके से काम करने की तैयारी में है। सूत्रों का कहना है कि पहाड़ी जिलों में ऐसे कामों की संख्या ज्यादा है। विभाग पर दबाव है कि हर हाल में नामांकन से पहले इन कामों को शुरू किया जाए। इससे लोनिवि के अधिकारी भी खासे परेशान दिख रहे हैं। यदि आयोग ने संज्ञान लिया तो बात बिगड़ सकती है।
एनएच के 70 करोड़ के काम प्रभावित
राष्ट्रीय राजमार्ग ने भी करीब 70 करोड़ के कामों के टेंडर छह और आठ मार्च को लगाए। इनमें से वित्तीय और तकनीकी प्रक्रिया पूरी होनी है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के इन कार्यों का काम भी शुरू नहीं हो पाया है।
जरूरी काम के लिए ली जाएगी अनुमति
लोक निर्माण विभाग के एचओडी आरसी पुरोहित के अनुसार आचार संहिता लगने के बाद टेंडर प्रक्रिया स्थगित कर दी है। कोई भी नया काम शुरू नहीं होगा। जो काम चुनाव से पहले शुरू किए जा चुके हैं, वह नियमानुसार पूरे किए जाएंगे। जरूरी काम की आयोग से अनुमति ली जाएगी।