देहरादून। मैदान से लेकर पहाड़ तक फैली टिहरी संसदीय सीट पर भाजपा एवं कांग्रेस के विधायकों के साथ निकाय व पंचायतों के प्रतिनिधियों के लिए यह चुनाव किसी प्रतिष्ठा से कम नहीं है। इस संसदीय सीट पर कुल 14 विधायकों में से 11 सत्ताधारी दल भाजपा से हैं, जबकि कांग्रेस के दो और एक निर्दलीय विधायक हैं। वहीं, पिछले साल हुए निकाय चुनावों में इस संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत भाजपा का प्रदर्शन संतोषजनक नहीं रहा, जबकि कांग्रेस के लिए निकाय चुनाव नतीजे उत्साहित करने वाले रहे।
टिहरी लोकसभा सीट के अंर्तगत आने वाले विधानसभा क्षेत्रों मे भाजपा का दबदबा है तो अब इस प्रदर्शन को लोस चुनाव में कायम रखने की चुनौती भी भाजपा विधायकों के सामने ही है। हालांकि, विस चुनाव और लोस चुनाव का गणित अलग-अलग रहा है।
लोस चुनाव में राष्ट्रीय मुद्दे हावी होते हैं, जबकि विस में स्थानीय। बावजूद इसके चुनाव में स्थानीय कारकों का भी महत्व कम नहीं है। इस कसौटी पर विधायकों के साथ ही निकाय और पंचायत स्तर के प्रतिनिधियों को खरा उतरना होगा।
2017 के विस चुनाव को देखें तो इसमें टिहरी संसदीय क्षेत्र में विजयी रहे 11 भाजपा विधायकों को कुल 365319 मत मिले। तीन हारे हुए भाजपा प्रत्याशियों को मिले मतों को भी अगर इसमें शामिल करें तो इस सीट पर भाजपा के कुल 433269 मत रहे। विधानसभा चुनाव में भाजपा को मिले यह कुल मत 2014 में सांसद चुनी गईं माला राज्य लक्ष्मी शाह को मिले 442531 मत के करीब ही है।
वहीं, कांग्रेस के दृष्टिकोण से देखें तो उसके सामने 2009 के प्रदर्शन को लौटाने की चुनौती है। भले ही इस संसदीय सीट पर कांग्रेस ने निकाय चुनाव में छह निकायों पर कब्जा किया है, जबकि भाजपा के पाले में देहरादून निगम को छोड़ दिया जाए तो दो निकाय पर ही अपना परचम लहरा पाई थी।
बाकी पर निर्दलों ने कब्जा किया। निकाय चुनाव की इस सफलता के बूते कांग्रेस अपनी साख बचाने की कोशिश करेगी। वह इसलिए भी है कि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह भी इसी संसदीय सीट की चकराता विधानसभा से विधायक हैं और उनका गृह क्षेत्र भी है। पिछले लोस चुनाव में कांग्रेस को 252030 मत ही मिल पाए थे। इससे पहले 2012 में हुए उपचुनाव में कांग्रेस हार गई थी।
संसदीय क्षेत्र की तस्वीर
विधायक————–14
भाजपा—————–11
कांग्रेस——————2
निर्दलीय—————–1
टिहरी लोकसभा में नगर निकाय-14
महापौर- एक, भाजपा
नगर पालिका व नगर पंचायत अध्यक्ष-13
भाजपा—————–2
कांग्रेस——————6
निर्दल——————-5
क्षेत्र पंचायत———-15
कांग्रेस——————8
भाजपा——————7
जिला पंचायत———-03
अध्यक्ष कांग्रेस———-1
भाजपा——————–2