देहरादून। उपभोक्ता फोरम ने एक वाद में वाहन विक्रेता को अनुबंध की शर्त पूरा न करने का दोषी पाते हुए अनुबंध के अनुसार वाहन की दोगुनी कीमत वादी को लौटाने के आदेश दिए हैं। साथ ही मानसिक क्षति के रूप में दस हजार रुपये और वाद व्यय के रूप में दो हजार रुपये एक माह के भीतर देने के निर्देश दिए हैं।
धमेंद्र सिंह नेगी पुत्र स्व. पीएम रतूड़ी निवासी खांद गांव रायवाला ने आशाराम रतूड़ी पुत्र पीएम रतूड़ी निवासी ग्राम गुमानीवाला, भट्टोवाला रोड के खिलाफ फोरम में वाद दायर किया था। वाद के मुताबिक विपक्षी आशाराम रतूड़ी पुराने वाहनों को बेचने का काम करता है।
वादी धमेंद्र ने वर्ष 2011 में विपक्षी से एक विक्रम लोडर के लिए अनुबंध किया था। अनुबंध के मुताबिक वादी, विपक्षी को साठ हजार रुपये अनुबंध के समय और बीस हजार रुपये कुछ दिन बाद देगा। पूरे पैसे देने के बाद ही वाहन को ट्रांसफर किया जाएगा। अनुबंध में यह भी शर्त रखी गई थी कि विपक्षी वाहन विक्रेता ने वाहन के लिए जो ऋण लिया है, उसे भी वह चुकता करेगा।
ऐसा नहीं किया तो वादी को वाहन की कीमत के साथ ही साठ हजार रुपये और लौटाने होंगे। विपक्षी की ओर से जब वाहन की किश्त जमा नहीं की गई तो जिस कंपनी से वाहन के लिए ऋण लिया था, उसने वाहन को अपने कब्जे में ले लिया। जिसके बाद वादी ने विपक्षीगण से वाहन की कीमत और अनुबंध के अनुसार अतिरिक्त साठ हजार लौटाने को कहा। आरोप है कि विपक्षी ने इससे इनकार कर दिया। इसके बाद वादी ने विपक्षी के खिलाफ फोरम में वाद दायर किया।
वादी के साक्ष्यों और दलीलें सुनने के बाद फोरम के अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह दुग्ताल ने सदस्य विमल प्रकाश नैथानी व अलका नेगी की मौजूदगी में सुनवाई की। इस दौरान वाहन विक्रेता को अनुबंध के हिसाब से साठ हजार रुपये और शर्त तोड़ने पर अतिरिक्त साठ हजार रुपये के साथ ही मानसिक क्षति के रूप में दस हजार और वाद व्यय के रूप में दो हजार रुपये एक माह के अंदर वादी को लौटाने के आदेश दिए हैं।