देहरादून। संवाददाता। अस्थाई राजधानी देहरादून में स्थाई राजधानी गैरसैंण बनाने की मांग को लेकर 17 सितम्बर, 2018 से चल रहा धरना 200 दिन पार कर चुका है। सोमवार दोपहर को हुई तेज़ बारिश में अनशनकारियों का तंबू भले ही टूट गया लेकिन अनशनकारियों के हौसले नहीं डिगे और इस इलेक्शन में नोटा पर वोट कर वह राजनेताओं को चोट देने की तैयारी में है। देहरादून के परेड ग्राउंड में कई नेता रैली करने आए और चले गए लेकिन उत्तराखण्ड की जनभावनाओं को समझने और लोगों से बात करने की ज़हमत किसी पार्टी प्रतिनिधि ने नहीं उठाई।
उत्तराखण्ड की राजधानी गैरसैण बने इसी मांग को लेकर 17 सितंबर से हिन्दी भवन के सामने प्रदर्शन किया जा रहा है. मगर राष्ट्रीय मुद्दों और मोदी के चेहरे को लेकर हो रहे चुनाव में उत्तराखण्ड का यह मुद्दा खो गया है. उत्तराखण्ड की राजधानी गैरसैण बने इसी मांग को लेकर 17 सितंबर से हिन्दी भवन के सामने प्रदर्शन किया जा रहा है. मगर राष्ट्रीय मुद्दों और मोदी के चेहरे को लेकर हो रहे चुनाव में उत्तराखण्ड का यह मुद्दा खो गया है।