कोर्ट ने सरकार से तीन सप्ताह के भीतर जवाब मांगा

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देहरादून। संवाददाता। राज्य सरकार द्वारा नगर निगमों और जिला पंचायतों को उनके अधिकार न दिये जाने के कारण आम नागरिकों को उनके मूल भूत सुविधाओं से वंचित रखने को दायर की गयी एक जनहित याचिका को स्वीकार करते हुए न्यायालय ने सरकार से तीन सप्ताह के अंदर जवाब देने को कहा है।

इस आशय की एक जनहित याचिका समाज सेवी सुभाष शर्मा द्वारा नैनीताल हाईकोर्ट में दायर की गयी थी। इस आशय की जानकारी देते हुए आज एक पत्रकार वार्ता में सुभाष शर्मा ने बताया कि उनकी जनहित याचिका की सुनवाई को स्वीकार लिया गया है तथा बीते 15 मई को न्यायालय द्वारा सरकार से इस विषय में स्पष्टी करण मांगा गया है।

सुभाष शर्मा ने पत्रकारों को बताया कि अधिनियम में 73वें व 74वें संशोधनों के अनुरूप नगर निगमों व जिला पंचायतों को उनके अधिकार नहीं दिये जा रहे है तथा विभिन्न विकास प्राधिकरणों के माध्यम से सरकार निगमों व जिला पंचायतों के वित्तीय अधिकारों पर डाका डाल रही है। उन्होने कहा कि न्यायालय द्वारा इस मामले को गम्भीरता से लेते हुए सरकार से तीन सप्ताह में जवाब देने को कहा गया है।
उन्होने बताया कि न्यायालय द्वारा सरकार को निर्देशित किया गया है कि राज्य का नगर विकास तथा केन्द्र का ग्रामीण विकास एंव हरिद्वार, देहरादून, उधमसिंह नगर विकास प्राधिकरणों से सरकार एक सप्ताह के अंदर इस विषय की जानकारी लेकर तीन सप्ताह के अंदर अदालत में अपना पक्ष रखे।

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